नई दिल्लीः तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इससे पहले आयकर विभाग ने को दावा किया है कि उसने तमिलनाडु के कुछ संस्थाओं और यूनिट्स में छापेमारी कर करीब 400 करोड़ रुपये की अघोषित आय या काले धन का पता लगाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने एक बयान में बताया कि ये छापेमारी 11 मार्च को चेन्नई, कोयंबटूर, सलेम, विरूधुनगर और थेनी में स्थित 20 स्थानों पर की गई.
आयकर विभाग ने बताया की उसके अधिकारियों ने उन लोगों के ग्रुप (Group of Individuals) की तलाशी ली जो बड़ी मात्रा में कैश और विदेशी यूनिट्स और संबंधियों के बैंक खातों के जरिए नकद और बेहिसाब धन के लेनदेन में शामिल हैं. तलाशी में 50 लाख रुपये नकद, 3 करोड़ रुपये के आभूषण और 12.5 करोड़ रुपये के लक्जरी वाहन भी जब्त किए गए हैं.
CBDT का दावा है कि इन परिसरों में मिले सामानों से इस बात की जानकारी सामने आई है कि खेती से जुड़ी चीजों की बिक्री और खरीदारी के नाम पर अलग-अलग संस्थाओं के जरिए 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी जमा की गई थी, जबकि ऐसी कोई गतिविधि हुई ही नहीं और ऐसा कोई स्टॉक भी नहीं पाया गया. साथ ही बिक्री और खरीद के चालान उनके कर्मचारियों की तरफ से ही बनाए हुए पाए गए हैं. इसके अलावा बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए और कारोबार में हेरफेर करने के लिए इन संस्थाओं के बीच बिक्री और स्टॉक भी किया गया.
CBDT ने कहा कि इनमें से कई संस्थाओं ने अब तक कोई टैक्स रिटर्न जमा नहीं किया है. वहीं, एक इंस्टीट्यूट ग्रुप की तरफ से एक विदेशी संस्था से डिबेंचर इश्यू के जरिए 150 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. इस छापे के दौरान मिले सबूतों से यह पता चला है कि यह लेन-देन नकली था और सारा पैसा इन व्यक्तियों के पर्सनल अकाउंट्स में चला गया.
CBDT के बयान के अनुसार इसके अलावा, ग्रुप यूनिट्स ने मसालों (Spices) का भी आयात किया, जिसमें उन्होंने आयात लागत (Import Cost) को बढ़ाकर लगभग 25 करोड़ रुपये दिखाया. इस सीमा तक, भारत से धन निकालकर दूसरे देशों में स्थित उनके पर्सनल खातों में भेज दिया गया. सीबीडीटी ने कहा है कि काला धन अधिनियम (Anti-Blackmoney Act) के तहत इन सबकी उचित जांच की जाएगी.

