तालाब और डैम के अतिक्रमण मामले में सुनवाई हुई
रांची. झारखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में गुरुवार को राजधानी में तालाब और डैम के अतिक्रमण मामले में सुनवाई हुई.
अदालत ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि 30 साल पहले रांची में कितने तालाब थे और कितनी हरियाली थी, सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि फिलहाल इसकी सटीक जानकारी नहीं दी जा सकती. रांची नगर निगम के पास 1928 का नक्शा है, उस नक्शे को देखकर ही सही जानकारी दी जा सकती है. अदालत ने इस जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए पूरी तैयारी के साथ आने का निर्देश दिया और सभी तथ्यों की जानकारी हासिल कर कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी.
याचिका दायर करने वाली अधिवक्ता खुशबू कटारूका को अदालत ने सुरक्षा भी देने का निर्देश दिया. बताया गया है कि जनहित याचिका में कहा गया है कि रांची के कांके डैम और धुर्वा डैम की सैकड़ों एकड़ जमीन अतिक्रमणकारियों द्वारा हड़प ली गयी है, वहीं मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है, जिसका काफी बुरा असर जलाशयों पर पड़ रहा है. इतना ही नहीं रांची में तालाबों की स्थिति भी बदतर होती जा रही है.