लखनऊ: पूर्वांचल के ऐतिहासिक शहर गोरखपुर के हिमांशु गौरव सिंह ने जेईई (JEE) एडवांस्ड में पूरे देश में दूसरे रैंक पर आकर अपने माता पिता और नगर का नाम रोशन किया है. इससे पहले हिमांशु केमिस्ट्री और एस्ट्रोनॉमी ओलंपियाड में भी टॉप कर चुके हैं. अब वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले इस ओलंपियाड में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे जिसके लिए उन्हें होमी भाभा रिसर्च सेंटर में बकायदा ट्रेनिंग दी जाएगी. एनडीटीवी के साथ बातचीत में हिमांशु ने बताया कि वे नियमित रूप से 6-7 घंटे की पढ़ाई करते रहे. बेशक उन्होंने FIITJEE से तैयारी की है लेकिन उनका मानना है कि कोचिंग करने या नहीं करने का फैसला छात्र को अपनी क्षमता और कोचिंग से मिलने वाले फायदे के विश्लेषण के बाद ही लेना चाहिए. कई बार ऐसा भी होता है कि कोचिंग के नाम पर फायदा कम और वक्त की बर्बादी ज्यादा होती है.
JEE को लेकर अपनी स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हुए हिमांशु बताते हैं कि फिजिक्स की तैयारी के लिए एच सी वर्मा की किताब को आधार बना सकते हैं. साथ ही एनसीईआरटी (NCERT) और कोचिंग मैटेरियल का इस्तेमाल कर सकते हैं. केमिस्ट्री की तैयारी को लेकर उनका कहना है कि आपको केमिस्ट्री के लिए NCERT पर निर्भर रहना चाहिए लेकिन इन-ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में रिएक्शन को समझने के लिए किसी अच्छे टीचर की जरूरत हो सकती है. अगर समय हो तो फॉरेन राइटर्स की किताबें भी पढ़ सकते हैं. लेकिन आपके लिए NCERT ही सबसे अहम होनी चाहिए . मैथेमेटिक्स की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यहां थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिस मायने रखती है. अलजेब्रा, कैलकुलस सहित सभी चैप्टर के लिए किसी एक रेफरेंस बुक से ही प्रैक्टिस करनी चाहिए साथ ही अगर कोचिंग कर रहे हों तो संस्थान की तरफ से दिए गए मैटेरियल से भी प्रैक्टिस करनी चाहिए.
बोर्ड की तैयारी और JEE की तैयारी को लेकर हिमांशु का मानना है कि अगर आप JEE की तैयारी कर रहे हैं तो बोर्ड के लिए आपके फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की तैयारी साथ-साथ हो जाएगी. अंग्रेजी और दूसरे विषयों की तैयारी आप छुट्टियों के अलावा परीक्षाओं के बीच के दिनों में भी कर सकते हैं. अपनी सफलता को लेकर हिमांशु का कहना है कि JEE Main में अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें इस बात का भरोसा था कि सफलता जरूर मिलेगी. वे मानते हैं कि उन्हें परिवार, कोचिंग संस्थान और दोस्तों का भी उन्हें पूरा सहयोग मिला. राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा में नंबर दो पर आने के पीछे वे अपने एक्स फैक्टर को वजह मानते हैं.