रांची. झारखंड विधानसभा का बजट सत्र कल से शुरू हो रहा है. उससे ठीक पहले सदन के अंदर भाजपा-आजसू के हर सवाल का कैसे और किस अंदाज में जवाब दिया जाए, इसकी रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट सहयोगियों और विधायकों के साथ बैठक की. जानकारी के अनुसार हैं कि बजट सत्र के दौरान सरकार शांतिपूर्वक सत्र चलाने की इच्छा रखती है. पर साथ ही यह भी रणनीति बनी है कि किसी भी मुद्दे पर विपक्ष को ठोस जवाब देकर निरुत्तर कर दिया जाए
बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता अभी तक स्पीकर द्वारा नहीं दिए जाने को लेकर अगर भाजपा ने अगर सदन में हंगामा किया तो उससे निपटने के लिए भी सत्तापक्ष की खास तैयारी है
आज सत्ताधारी दलों की बैठक में वरीय नेताओं और मंत्रियों ने इस बात पर भी विचार किया कि कई बार अपने विधायक ही ऐसा सवाल पूछने लगते हैं कि असहजता महसूस होने लगे. ऐसे सवालों से सत्ताधारी दलों के विधायक बचें और सभी यह बताने का प्रयास करें कि कैसे कोरोना काल जैसी विकट स्थिति में कम संसाधनों के साथ भी हेमंत सरकार ने बेहतरीन काम किया है. कैसे राज्य में कोरोना काल में मनरेगा के तहत रिकॉर्ड जॉब सृजित किए गए. कैसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन, बस और यहां तक कि हवाई जहाज से वापसी कराया गया और कैसे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को पूरे कोरोना काल में सक्रिय रखा गया. सरकार के उठाए कदम का ही असर था कि जनसहयोग से कोरोना को राज्य में खौफनाक रूप नहीं लेने दिया गया और राज्य में कोरोना की रिकवरी रेट 98% से भी ऊपर है.