नई दिल्लीःम्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन जा र संयुक्त राष्ट्र में सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाली म्यांमार के राजदूत क्याव मो तुन को बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने विश्व समुदाय से सैन्य शासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की गुहार लगाई थी। रविवार को सबसे बड़े शहर यंगून सहित देश के विभिन्न हिस्सों में लोकतंत्र समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर तख्तापलट का विरोध किया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने स्टेन ग्रेनेड, आसूं गैस के गोले और हवा में फायरिंग की। जब इस पर भी प्रदर्शनकारी नहीं हटे तो पुलिसवालों ने छिपकर प्रदर्शनकारियों को अपना निशाना बनाया। जिसमें प्रदर्शनकारियों को गोली लगी।
कमांडर इन चीफ ने देश की कमान अपने हाथ में ले ली
तख्तापलट और देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की को गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही म्यांमार में प्रदर्शनों का दौर जारी है। नवंबर में हुए चुनाव में सू की पार्टी ने जोरदार जीत दर्ज की थी, लेकिन सेना ने धांधली की बात कहते हुए परिणामों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था।
बता दें कि म्यांमार में इस समय सैन्य तख्ता पलट की खबरें आ रही हैं वहां की सेना ने अभी वहां की शीर्ष नेता आंग सान सू को हिरासत में ले लिया है और अगले एक साल तक के लिए देश मे इमरजेंसी लगा दी गई है। वहीं इसके अलावा वहां के कमांडर इन चीफ ने इस समय देश की कमान अपने हाथ में ले ली है। बताया जा रहा है कि वहां की संचार व्यवस्था को थप कर दिया गया है।
धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद हुआ तख्तापलट
म्यामां की सेना ने शनिवार को इस बात से इनकार किया कि उसके प्रमुख ने चुनाव में धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद तख्तापलट की धमकी दी थी। सेना ने कहा कि मीडिया ने उसकी बात का गलत अर्थ निकाला है। पिछले हफ्ते म्यामां में तब तनाव के हालात बन गए थे जब सेना के प्रवक्ता ने कहा था कि नवंबर में हुए चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की उसकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया गया तो तख्तापलट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
संविधान को रद्द किया जा सकता है
कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों से कहा था कि यदि कानूनों को उचित तरीके से लागू नहीं किया जाएगा तो संविधान को रद्द किया जा सकता है। इसे लेकर आशंका तब और भी बढ़ गई जब कई बड़े शहरों में सड़कों पर बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया गया। सेना ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा, ‘कुछ संगठनों और मीडिया’ ने यह बात बिना किसी आधार के कही कि सेना ने संविधान को रद्द करने की धमकी दी है।