रांची : भारतीय जनता पार्टी ने कोनार परियोजना से जुड़े नहर के टूटने की वजह शरारती तत्वों की तोड़-फोड़ को बताया है. पार्टी के प्रवक्ता प्रतूल शाहदेव ने कहा कि कोनार नहर योजना को लेकर विपक्ष गलत बयानी कर रहा है. जिस तटबंध पर टूट हुई है, वह कोनार परियोजना का हिस्सा न होकर बगोदर ब्रांच कैनाल है. शनिवार को मीडिया से बातचीत के क्रम में प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि इस ब्रांच नहर के बीसवें किलोमीटर पर रेलवे लाइन है. इसलिए 17.1 किलोमीटर के दूरी के बाद एक रेगुलेटर गेट को भी लगाया गया है. पानी छोड़ने के लिए एक ईस्केप रेगुलेटर गेट भी स्थापित की गयी है. घटना के दिन इस ईस्केप रेगुलेटर गेट के जरिए पानी छोड़ा भी जा रहा था. शाम सात बजे तक अभियंताओं ने रेगुलेटर गेट एवं ईस्केप रेगुलेटर गेट पर निगाह रखा. लेकिन देर रात किसी शरारती तत्व ने इसके ईस्केप रेगुलेटर गेट को बंद कर दिया, जिसके कारण कैनाल में पानी लबालब भर गया और ऊपर से बहने लगा.
उसके बाद नहर में 90 फीट के तटबंध के टूट हुई . राज्य सरकार ने चार अभियंताओं को प्रारंभिक जांच में दोषी मानते हुए निलंबित भी कर दिया है. प्रतूल शाहदेव ने कहा विपक्ष के नेता जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए पूरे कैनाल के बह जाने की बात कह रहे हैं. जबकि सच्चाई है कि इस 98 किलोमीटर लंबे कैनाल में सिर्फ ईस्कप गेट बंद करने के कारण 90 फीट के तटबंध की पानी के जलस्तर बढ़ गया और अत्यधिक प्रेशर पड़ने के कारण नहर में दरार आ गयी. ऐसा भ्रम फैलाने वाले नेता नहीं चाहते कि झारखंड में सिंचाई परियोजना अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे और झारखंड का विकास हो.