हर साल बजट के बाद अप्रैल के महीने में आयकर से जुड़े नियमों में बदलाव होता है. हालांकि इस बार पूर्ण बजट जुलाई में पेश होने के कारण कुछ ऐसे नियम हैं, जो कि सितंबर महीने से लागू हो रहे हैं. जिन नियमों में बदलाव हुआ है वो टीडीएस, पैन कार्ड और आधार कार्ड से जुड़े हैं, जिनका आम लोगों पर बड़ा असर होगा है.आइये जानते हैं उन सात नियमों के बारे में, जो कि एक सितंबर से बदल गए हैं.
घर खरीदने पर लगेगा टीडीएस
एक सितंबर से घर खरीदने पर आप जो भी अन्य सेवाओं के लिए भुगतान करेंगे, उसके लिए भी टीडीएस देना होगा. इन अतिरिक्त सेवाओं में क्लब सदस्यता फीस, कार पार्किंग फीस, बिजली का कनेक्शन, पानी का कनेक्शन आदि शामिल होंगे. पहले इन सेवाओं के लिए टीडीएस नहीं देना होता था, क्योंकि टैक्स की गणना करते वक्त इनके भुगतान को काट लेता था. हालांकि 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीदने पर पहले की तरह एक फीसदी टीडीएस देना पड़ेगा.
बैंक खाते से निकासी पर टीडीएस
अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की अपने बैंक, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव बैंक के खाते से निकासी करता है तो उसको दो फीसदी टीडीएस देना होगा. इसके लिए आयकर कानून में एक नया सेक्शन 194 एन लाया गया है.
50 लाख से अधिक भुगतान
अगर कोई व्यक्ति या फिर एचयूएफ किसी ठेकेदार अथवा प्रोफेशनल व्यक्ति को साल भर में किसी सेवा के लिए 50 लाख का भुगतान करता है, तो फिर उसको पांच फीसदी की दर से टीडीएस का भुगतान करना होगा. यह ऐसे लोगों पर असर डालेगा, जो घर बनवाते हैं या फिर शादी के लिए किसी एक व्यक्ति को ही सारा भुगतान करते हैं. हालांकि ऐसे व्यक्तियों को टीडीएस काटने के लिए टैन जरूरी नहीं होगा.
जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता
जीवना बीमा पॉलिसी लेने वालों के लिए उसकी मैच्योरिटी होने पर अगर किसी तरह का कोई टैक्स देना पड़ता है, तो फिर ऐसी रकम पर पांच फीसदी टीडीएस देय होगा. फिलहाल अभी सम एश्योर्ड के बदले 10 फीसदी प्रीमियम वाली पॉलिसी पर मैच्योरिटी पर किसी तरह का कोई टैक्स देय नहीं होता है.
50 हजार से कम के बैंकिंग ट्रांजेक्शन की जानकारी
पहले 50 हजार रुपये या फिर इससे बड़े बैंकिंग ट्रांजेक्शन की जानकारी ही सरकार या फिर जांच एजेंसियों को देनी होती थी, हालांकि अब अगले महीने से इसमें भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जानकारी मांगने पर इससे कम के ट्रांजेक्शन के बारे में सूचना देनी होगी.
पैन, आधार के बारे में बदलाव
पैन और आधार को लेकर के सरकार एक सितंबर से दो बड़े बदलाव करने जा रही है. पहले बदलाव में पैन को आधार से लिंक न करने पर यह रद्द हो जाएगा. लोग अपने पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे, साथ ही आईटीआर भरना भी मुश्किल हो जाएगा.
इसके साथ ही कोई भी वित्तीय ट्रांजेक्शन करने पर पैन कार्ड न होने पर आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है.
हर साल बजट के बाद अप्रैल के महीने में आयकर से जुड़े नियमों में बदलाव होता है. हालांकि इस बार पूर्ण बजट जुलाई में पेश होने के कारण कुछ ऐसे नियम हैं, जो कि सितंबर महीने से लागू हो रहे हैं. जिन नियमों में बदलाव हुआ है वो टीडीएस, पैन कार्ड और आधार कार्ड से जुड़े हैं, जिनका आम लोगों पर बड़ा असर होगा है.आइये जानते हैं उन सात नियमों के बारे में, जो कि एक सितंबर से बदल गए हैं.
घर खरीदने पर लगेगा टीडीएस
एक सितंबर से घर खरीदने पर आप जो भी अन्य सेवाओं के लिए भुगतान करेंगे, उसके लिए भी टीडीएस देना होगा. इन अतिरिक्त सेवाओं में क्लब सदस्यता फीस, कार पार्किंग फीस, बिजली का कनेक्शन, पानी का कनेक्शन आदि शामिल होंगे. पहले इन सेवाओं के लिए टीडीएस नहीं देना होता था, क्योंकि टैक्स की गणना करते वक्त इनके भुगतान को काट लेता था. हालांकि 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीदने पर पहले की तरह एक फीसदी टीडीएस देना पड़ेगा.
बैंक खाते से निकासी पर टीडीएस
अगर कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की अपने बैंक, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव बैंक के खाते से निकासी करता है तो उसको दो फीसदी टीडीएस देना होगा. इसके लिए आयकर कानून में एक नया सेक्शन 194 एन लाया गया है.
50 लाख से अधिक भुगतान
अगर कोई व्यक्ति या फिर एचयूएफ किसी ठेकेदार अथवा प्रोफेशनल व्यक्ति को साल भर में किसी सेवा के लिए 50 लाख का भुगतान करता है, तो फिर उसको पांच फीसदी की दर से टीडीएस का भुगतान करना होगा. यह ऐसे लोगों पर असर डालेगा, जो घर बनवाते हैं या फिर शादी के लिए किसी एक व्यक्ति को ही सारा भुगतान करते हैं. हालांकि ऐसे व्यक्तियों को टीडीएस काटने के लिए टैन जरूरी नहीं होगा.
जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता
जीवना बीमा पॉलिसी लेने वालों के लिए उसकी मैच्योरिटी होने पर अगर किसी तरह का कोई टैक्स देना पड़ता है, तो फिर ऐसी रकम पर पांच फीसदी टीडीएस देय होगा. फिलहाल अभी सम एश्योर्ड के बदले 10 फीसदी प्रीमियम वाली पॉलिसी पर मैच्योरिटी पर किसी तरह का कोई टैक्स देय नहीं होता है.
50 हजार से कम के बैंकिंग ट्रांजेक्शन की जानकारी
पहले 50 हजार रुपये या फिर इससे बड़े बैंकिंग ट्रांजेक्शन की जानकारी ही सरकार या फिर जांच एजेंसियों को देनी होती थी, हालांकि अब अगले महीने से इसमें भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जानकारी मांगने पर इससे कम के ट्रांजेक्शन के बारे में सूचना देनी होगी.
पैन, आधार के बारे में बदलाव
पैन और आधार को लेकर के सरकार एक सितंबर से दो बड़े बदलाव करने जा रही है. पहले बदलाव में पैन को आधार से लिंक न करने पर यह रद्द हो जाएगा. लोग अपने पैन कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे, साथ ही आईटीआर भरना भी मुश्किल हो जाएगा.
इसके साथ ही कोई भी वित्तीय ट्रांजेक्शन करने पर पैन कार्ड न होने पर आधार कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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