रांची: गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने अब अपनी पत्नी को भी राजनीति में उतार दिया है. उनकी पत्नी सुनीता चौधरी अब गृहस्थी की गाड़ी से ऊपर उठ कर समाज सेवा और राजनीति में कदमताल करना शुरू कर दिया है. ऐसा उन्होंने 14 वर्ष पुराने सहायक शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर शुरू कर दिया है. झारखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए इनका रामगढ़ से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. चंद्रप्रकाश चौधरी के सांसद बनने के बाद रामगढ़ सीट को लेकर आये वैक्यूम पर अब लगाम लग गयी है.
सहायक शिक्षिका की नौकरी छोड़, कूदीं चुनावी रणक्षेत्र में
राजधानी के मोरहाबादी स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय में सुनीता चौधरी की पोस्टिंग थी. पति के राजनीतिक अनुभव और झारखंड विधानसभा से लेकर नयी दिल्ली के संसद तक के सफर के हर कॉर्नर में उन्होंने साथ निभाया. रामगढ़ विधानसभा में सामाजिक सरोकारों से लेकर क्षेत्र के लोगों की समस्याओं से भी सुनीता लगातार वाकिफ होती रही और इन्हीं परिपक्वता के साथ अब उन्होंने सींचित भूमि को और सघन करने का निर्णय लिया है.
आजसू पार्टी के कार्यकर्ता भी इनकी कारगुजारियों से वाकिफ
अपने पति चंद्रप्रकाश चौधरी के मंत्री रहते हुए इन्होंने राजनीतिक गुर सीखा है. तीन टर्म से अधिक विधानसभा के सदस्य रहे पति का लंबा अनुभव अब उनके रामगढ़ विधानसभा से दावेदारी का प्रमुख कारण बनेगा. वैसे भी रामगढ़ सीट आजसू के लिए सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है. इसे पार्टी के लिए एक बेहतर गढ़ भी माना जाता रहा है. खास कर रामगढ़, गोला, रजरप्पा समेत आसपास के क्षेत्र में परिवार की राजनीतिक धमक अब भी बनी हुई है. वोटरों के बीच भी इनकी छवि एक साफ-सुथरी और सुलझी हुई है.