बीएनएन डेस्कः उत्तराखंड में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे ने राज्य में एक बार फिर बड़ा सियासी संकट खड़ा कर दिया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से रावत इस्तीफा दे चुके हैं और अब नए सीएम की रेस में तमाम नेताओं का नाम भी सामने आने लगा है. लेकिन इन सब के बीच देहरादून के कैंट रोड स्थित उस सीएम आवास की चर्चा सबसे अधिक है, जिसमें फिलहाल त्रिवेंद्र सिंह रावत रह रहे हैं. चर्चा हो रही है कि सीएम का यह आवास मनहूस है और जो भी यहां रहता है वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है.
अतीत की कहानियों में तीन मुख्यमंत्रियों के नाम उदाहरण के रूप में भी हैं. इनमें वर्तमान एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के भी नाम हैं. तमाम अफवाहों के बावजूद 2017 में इस घर में त्रिवेंद्र सिंह रावत रहने पहुंचे थे. रावत ने गृह प्रवेश के लिए नवरात्र के दूसरे दिन का मुहूर्त चुना था और इस मौके पर 2 घंटे की विशेष पूजा भी की गई थी.
रावत के इस फैसले को तमाम लोगों ने गलत भी कहा था, हालांकि रावत का कहना था कि वह ऐसी अफवाहों पर भरोसा नहीं करते. हालांकि रावत के इस्तीफे ने एक बार फिर इस बंगले के उन पुरानी कहानियों को जिंदा कर दिया है, जिसमें सीएम के पद को लेकर तमाम अफवाहें शामिल थीं. कहानियों में एक नाम विजय बहुगुणा का भी है, जिन्हें भी कार्यकाल पूरा होने से पहले अपने पद को छोड़ा पड़ा था. शायद इन्हीं अफवाहों के कारण उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत कभी इस बंगले में शिफ्ट नहीं हुए और अपने पूरे टर्म बीजापुर गेस्ट हाउस में रहे.
राजनीतिक विश्लेषक उदित घिड़ियाल भी सीएम आवास को लेकर जारी कहानियों का समर्थन करते हैं. उदित कहते हैं कि उत्तराखंड में जो राजनीतिक संकट है, वह एक ऐसे वक्त में है जबकि 70 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी के पास 57 सीट है. इतने बड़े बहुमत वाली सरकार में किसी राजनीतिक संकट का होना, एक अप्रत्याशित स्थिति जैसा लगता है. ऐसे में फिर वही कहानियां ज्यादा बड़ी हो जाती हैं, जिसमें सीएम के आवास को मनहूस बताया गया है.
जिस बंगले को लेकर यह तमाम कहानियां कही जा रही हैं, वह देहरादून के कैंट रोड पर स्थित है. करीब 10 एकड़ में बने इस बंगले में कुल 60 कमरे हैं और इसे पहाड़ी शैली में बनाया गया है. साल 2010 में 16 करोड़ की लागत से बने इस घर में बैडमिंटन कोर्ट, स्विमिंग पूल, लॉन और मुख्यमंत्री के लिए कैंप ऑफिस भी बने हुए हैं.