देहरादूनः उत्तराखंड भाजपा में बदलाव का दौर जारी है. केंद्रीय नेतृत्व ने सभी को चौंकाया दिया है. मुख्यमंत्री के बाद प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए गए. मदन कौशिक को उत्तराखंड प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
पूर्व कैबिनेट मंत्री और हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक को भाजपा नेतृत्व ने कमान सौंप दी है. उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव है. जेपी नड्डा ने सभी को चौकाते हुए मदन कौशिक पर भरोसा जताया. तीरथ सिंह रावत ने बुधवार को उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के फिलहाल 56 विधायक हैं.
बीजेपी ने बंशीधर भगत को हटाकर मदन कौशिक को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. कहा जा रहा है कि बंशीधर को नए मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी. बता दें कि मदन कौशिक ने शुक्रवार सुबह उत्तराखंड के बीजेपी प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के साथ मुलाकात भी की थी.
त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को राज्य का नया सीएम बनाया गया है. त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को प्रदेश संगठन का नया मुखिया बनाया गया है. कौशिक गुरुवार को अचानक दिल्ली पहुंचे थे. दिल्ली में उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा, राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम समेत कई केंद्रीय नेताओं से भेंट की थी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने यहां इसकी जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार आज शाम पांच बजे राजभवन में होगा . इससे पहले प्रदेश के नये मुख्यमंत्री चुने गये रावत ने नौ मार्च को अकेले ही पद और गोपनीयता की शपथ ली थी.
हांलांकि, अभी यह नहीं पता चला है कि रावत मंत्रिमंडल में कितने मंत्रियों को शामिल किया जाएगा लेकिन माना जा रहा है कि वह सभी 11 पदों पर मंत्रियों की नियुक्ति होगी. उत्तराखंड मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने इस संबंध में कहा कि उनकी राय में मुख्यमंत्री रावत को अपना पूरा मंत्रिमंडल बनाना चाहिए.
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश की 70 में से 57 सीटों पर जीत हासिल करके जबरदस्त बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार की कमान संभालते समय त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मंत्रिमंडल में अपने अलावा केवल नौ मंत्रियों को ही शामिल किया था और दो पद खाली छोड़ दिए थे.
जून 2019 में प्रदेश के वित्त एवं आबकारी मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया था, जिसके बाद रिक्त मंत्री पदों की संख्या तीन हो गई. हालांकि, बार—बार चर्चाओं के बाद भी ये पद कभी भरे नहीं गए और जानकारों का कहना है कि इसे लेकर विधायकों की नाराजगी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत के सत्ता से बाहर होने का एक प्रमुख कारण रही.