राजस्थान के राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त हो रहे कल्याण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बताया जा रहा है कि उन पर बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर मुकदमा चल सकता है. अभी तक सांविधानिक पद पर होने के कारण वह मुकदमे से बचे हुए थे.
19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने का आदेश दिया था.
उस वक्त कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्यपालों को संविधान द्वारा प्रदत्त रक्षा के कारण कल्याण सिंह पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता. अनुच्छेद 361 के अनुसार राष्ट्रपति और राज्यपालों को पद पर रहते हुए मुकदमों से छूट मिली हुई है। इसके चलते सिंह को तब राहत मिल गई थी.
सूत्रों का कहना है कि अब कल्याण सिंह पद पर नहीं रहेंगे तो उन पर मुकदमा चल सकता है. हालांकि, सरकार उन्हें दोबारा अन्य सांविधानिक पद पर नियुक्त दे देती है तो वह बच सकते हैं.
राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह गवर्नर का कार्यकाल पूरा होने के बाद 5 सितंबर को यहां फिर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं. सिंह का कार्यकाल दो दिन बाद समाप्त हो रहा है. उन्हें 4 सितंबर 2014 को राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था. कल्याण की जगह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र को राजस्थान भेजा गया है.
जानकारी के अनुसार कल्याण सिंह का 5 सितंबर को पूर्वाह्न 11 बजे लखनऊ पहुंचने का कार्यक्रम है. यहां हवाई अड्डे से वह सीधे भाजपा मुख्यालय जाएंगे. जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सहित कई लोग उनका स्वागत करेंगे.
यहीं पर उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई जाएगी. इसके बाद वह अपने पौत्र प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ. संदीप सिंह के 2 माल एवन्यू स्थित आवास जाएंगे. जो पहले पूर्व मुख्यमंत्री के नाते उनका ही आवास हुआ करता था.