ब्यूरो चीफ,
रांची : झारखंड शहरी आधारभूत संरचना निगम (जूडको) में इंजीनियरों की भारी भरकम फौज है. कहने को यहां अभियंताओं को सहायक परियोजना प्रबंधक (एपीएम), डिपूटी परियोजना प्रबंधक (डीपीएम), प्रोजेक्ट मैनेजर, सहायक महाप्रबंधक, डीजीएम, महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक तक का पद है. इसके अलावा गैर अभियंत्रण सेवा के पद भी हैं, जिसमें लोगों की प्रतिनियुक्ति औऱ बहाली की गयी है.
सूत्रों का कहना है कि अभियंताओं समेत कुल 155 कर्मी यहां कार्यरत हैं, जिनके वेतन में एक करोड़ रुपये तक महीने का खर्च हो रहा है. सेवानिवृत अभियंता प्रमुख से लेकर, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता, कार्यपालक अभियंता भी यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं. परियोजना निदेशक का पद अभियंता प्रमुख स्तर का पद है, जिसकी सैलरी 1.40 लाख से 1.50 लाख प्रति माह है. एपीएम का पद जूनियर इंजीनियर का है, जिनकी सैलरी 30 से 40 हजार प्रति माह है. जबकि महाप्रबंधक का पद कार्यपालक अभियंता, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता स्तर का है. इनकी सैलरी भी 80 हजार से 1 लाख तक है. डीपीएम का पद सहायक अभियंता स्तर का पद है.
शहरी आधारभूत संरचना को दुरुस्त रखना है मुख्य काम
जूडको के जिम्मे शहरी आधारभूत संरचना का विकास, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना के तहत शहरी जलापूर्ति योजनाएं और सोलर सिटी मिशन का काम देखना है. राजधानी में स्मार्ट सिटी, स्मार्ट सड़क, फ्लाई ओवर बनाने का काम भी जूडको की देखरेख में हो रहा है. सात सौ करोड़ से अधिक की स्मार्ट सिटी का काम भी जूडको की देखरेख में हो रहा है. इसके अलावा शहर के चार महत्वपूर्ण मार्गों को स्मार्ट बनाने में भी जूडको लगा हुआ है. जूडको के अधीन 38 से अधिक सलाहकार कंपनियों को लगाया गया है और 150 परियोजनाओं का डीपीआर तैयार किया गया है.
कितने हैं स्टाफ :
- प्रोजेक्ट डायरेक्टर – 01
- महाप्रबंधक – 03
- उप महाप्रबंधक – 03
- सहायक महाप्रबंधक – 03
- प्रोजेक्ट मैनेजर – 09
- प्रभारी डीजीएम – 01
- डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर – 17
- सहायक प्रोजे. मैनेजर – 27
- सर्वेयर – 02
- अमीन – 03
- आर्किटेक्ट – 01
- सलाहकार कंपनियां – 38 से अधिक
- अकाउंटेंट – 08
- अन्य स्टाफ – 23 से अधिक