रांची
झारखंड इंडस्ट्रीयल वाटर एलोकेशन पॉलिसी-2019 का प्रारूप राज्य सरकार ने तैयार कर लिया है. जल संसाधन मंत्रालय की ओर से तैयार किये गये प्रारूप में उद्योगों (छोटे, मझोले और बड़े) को पानी का उपयोग करने की इजाजत दी जायेगी. इस प्रारूप को पब्लिक डोमेन में जारी कर दिया गया है, जिस पर 30 दिनों तक सुझाव मांगे गये हैं. आम लोग, विशेषज्ञ www//wrdjharkhand.nic.in और [email protected] पर अपना सुझाव दे सकते हैं.
उद्योगों के लिए बनी इस नीति में पांच वर्षों तक के लिए पानी के उपयोग की इजाजत उद्योगों को दी जायेगी. इसका विस्तार तीन वर्षों के लिए दिया जायेगा. राज्य सरकार के उद्योग विभाग की सहमति लेकर उद्योगों को जल संसाधन मंत्रालय में ऑनलाइन आवेदन देना होगा. राज्य सरकार की तरफ से उद्योगों की जरूरत के पानी को लेकर एक द्विपक्षीय समझौता भी किया जायेगा. यह सबकुछ भूमिगत जल के आवंटन संबंधी आवेदन पर तय होगा. 60 दिनों के अंदर आवेदकों को सारी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी.
राज्य सरकार की तरफ से उद्योगों को पानी का एलॉकेशन निर्माण कार्य के लिए भी दिया जायेगा. इसके लिए जिला स्तरीय मूल्यांकन समिति की अनुशंसा जरूरी कर दी गयी है. इसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि बगैर समिति की अनुशंसा के पानी के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा रहेगा. वैसे भी पानी की कमी को देखते हुए वाटर चार्ज भी लिया जायेगा. इसके लिए उद्योग विभाग से अनुमति भी ली जायेगी. छह माह तक ही कंस्ट्रक्शन के लिए अनुमति दी जायेगी. जल संसाधन मंत्री और विभागीय सचिव को यह अधिकार दिया गया है कि कौन से आवेदन को स्वीकृत किया जाये अथवा नहीं. भूमि गत जल का उपयोग ऑपरेशनल यूज के लिए नहीं किया जायेगा