कैनबराः ऑस्ट्रेलिया वासियों ने सोमवार को महिलाओं के लिए न्याय, कार्यस्थल में उनके साथ द्वेषपूर्ण व्यवहार एवं खतरा कम करने की मांग को लेकर राजधानी कैनबरा और अन्य शहरों में प्रदर्शन किया.
ये प्रदर्शन दुष्कर्म के दो आरोपों के बाद उठे विवाद की पृष्ठभूमि में हुए.
राजधानी कैनबरा में संसद भवन के सामने सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया. उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था, ”महिलाओं के लिए न्याय’ और ‘ पुरुष, अपना अपराध स्वीकार करें.’ इन प्रदर्शनकारियों में अधिकतर महिलाएं थी और उन्होंने विरोध स्वरूप काले कपड़े पहने हुए थे.
हालांकि, प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने की मांग को प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अस्वीकार कर दिया. लेकिन वह प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल से अपने कार्यालय में मुलाकात करने पर सहमत हो गए. बहरहाल, यह मुलाकात नहीं हुई.
प्रदर्शन की एक आयोजक जेनिन हेनड्राई ने कहा, ”हम पहले ही आपके दरवाजे पर आ गए हैं, अब सरकार पर है कि वह चौखट को लांघ कर हमारे पास आए.”
उन्होंने कहा, ”हम बंद कमरे में बैठक नहीं करना चाहते हैं.”
उल्लेखनीय है कि मॉरिसन ने अपने अटॉर्नी जनरल क्रिश्चियन पोर्टर का समर्थन किया है जिन पर वर्ष 1988 में 16 वर्षीय एक लड़की से दुष्कर्म करने का आरोप है. तब वह स्वयं 17 वर्ष के थे. हालांकि, पोर्टर ने आरोपों से इनकार किया है.
उन पर आरोप लगाने वाली महिला ने पिछले साल पुलिस में दर्ज शिकायत वापस लेने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
इसी प्रकार रक्षा मंत्री लिंडा रेनॉल्ड भी वर्ष 2019 में उनके कार्यालय में दुष्कर्म की शिकार महिला को उचित सहायता नहीं करने की वजह से आलोचना का सामना कर रही हैं.
पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 2019 में संसद भवन में मंत्री के कार्यालय में एक वरिष्ठ कर्मचारी ने दुष्कर्म किया था.
इस महिला के अनुसार, उसके पास दो विकल्प थे. या तो वह सरकारी नौकरी छोड़ कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराए या चुप रहे और अपना करियर बनाए. उसने जनवरी में नौकरी छोड़ कर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
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