बीएनएन डेस्कः 16 मार्च 2012 को बांग्लालदेश के शेर ए बांग्ला स्टेनडियम में वो रिकॉर्ड बना जिसे तोड़ पाना लगभग नामुमकिन सा है. क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने इस मैदान पर शतकों का शतक लगाया था. सचिन ने 147 गेंदों में 114 रन की पारी खेली थी. यह उनकी 49वीं वनडे सेंचुरी थी. जबकि टेस्टट में उनके नाम 51 शतक पहले से दर्ज थे. कुल मिलाकर अंतर्रराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने वाले वह पहले और इकलौते बल्लेीबाज हैं. हालांकि सचिन की यह यादगार पारी भारत को जीत नहीं दिला पाई. इस मैच में बांग्लाीदेश ने भारत को 5 विकेट से करारी शिकस्तस देकर बहुत बड़ा उलटफेर किया था.
दरअसल यह एशिया कप का छठवां मैच था. ढाका में भारत और बांग्ला देश का आमना-सामना हुआ. बांग्लासदेश ने पहले टॉस जीतकर भारत को बल्लेाबाजी का न्यौेता दिया. गौतम गंभीर और सचिन तेंदुलकर ओपनिंग करने आए. मगर 25 रन के स्कोलर पर भारत का पहला विकेट गिर गया. बाएं हाथ के बल्लेाबाज गंभीर 11 रन पर पवेलियन लौट गए. ऐसे में जरूरत थी एक साझेदारी की, तीसरे नंबर पर बैटिंग करने उतरे विराट कोहली.
कोहली और सचिन ने मिलकर 148 रन की बड़ी साझेदारी की. मगर बांग्लारदेशी गेंदबाज अब्दु.र रज्जाीक ने विराट को 66 रन पर बोल्डै कर दिया. इसके बाद बल्ले बाजी करने आए सुरेश रैना ने 51 रन की उपयोगी पारी खेली, उधर सचिन अपना 100वां शतक बना चुके थे. 50 ओवर में भारत ने 5 विकेट खोकर 289 रन बनाए.
बांग्ला देश के लिए यह लक्ष्य आसान नहीं था. 15 रन के स्कोार पर बांग्लाएदेश का पहला विकेट गिर चुका था. हालांकि इसके बाद तमीम इकबाल और जहरुल इस्लानम के बीच एक बड़ी शतकीय साझेदारी हुई. भारत को विकेट निकालने की जरूरत थी. मगर विकेट बड़े-बड़े अंतराल में गिरे, ऐसे में बांग्लारदेशी बल्लेलबाजों को जिस रन रेट से रन बनाने की जरूरत थी वह उसमें कामयाब हो रहे थे. धोनी ने गेंदबाजी में कई बदलाव किए मगर कोई ज्याभदा प्रभावित नहीं कर पाया. भारत एक बड़ी हार की तरफ बढ़ रहा था. रही सही कसर आखिर में मुश्फि कुर रहीम ने पूरी कर दी जिन्होंलने 25 गेंदों में 46 रन की तेजतर्रार पारी खेलकर अपनी टीम को 4 गेंद शेष रहते जीत दिला दी.