नई दिल्ली : आगरा में सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मुकदमों और प्रार्थना पत्रों की जानकारी ही नहीं, बल्कि पारिवारिक विवाद से लेकर पत्नी पति की सैलरी तक की जानकारी ले रही हैं. व्यक्तिगत मामलों में सूचना देने से इंकार किया जा रहा है, जबकि पति-पत्नी के मामलों में सूचना देने से पहले पड़ताल की जा रही है.
50 फीसदी को सूचना देने से किया इंकार
इस साल जनवरी से लेकर अगस्त तक सूचना अधिकार के तहत पुलिस से तकरीबन 1500 लोगों ने सूचना के लिए आवेदन किया है. इनमें 400 मामले ऐसे निकले, जिनमें निजी जानकारी मांगी गई थी. इनमें 50 प्रतिशत को सूचना देने से मना कर दिया गया, जबकि बाकी की फाइल चल रही है.
केस : 1
एक महिला का पति से विवाद चल रहा है. महिला को पति खर्च के लिए कुछ नहीं दे रहा है. महिला ने सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगी है कि पति की सैलरी कितनी है? किस खाते में आती है?
केस : 2
परिवार परामर्श केंद्र में एक महिला का ससुरालियों से विवाद चल रहा है. काउंसिलंग में दोनों पक्षों ने शिकायत दर्ज कराई है. अब सास और बहू सूचना मांग रही हैं कि अब तक काउंसलिंग में क्या-क्या कार्रवाई हुई है.
केस : 3
दिल्ली के एक व्यक्ति ने सूचना मांगी कि एक युवक को आगरा में पुलिस ने नकली नोटों को बाजार में चलाने के मामले में जेल भेजा है. उसके साथ कई और लोग पकड़े गए. इसमें क्या कार्रवाई चल रही है. मगर, आवेदक का सही अता-पता नहीं है.
केस : 4
मथुरा के एक व्यक्ति ने सूचना मांगी है कि आगरा से सेवानिवृत्त हुए एक पुलिसकर्मी को कितनी पेंशन मिल रही है. मगर, आवेदक ने सूचना मांगने का कारण और जिसके बारे में सूचना मांग रहे हैं उससे संबंध का खुलासा ही नहीं किया है.
केस : 5
नाई की मंडी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने सूचना मांगी है कि क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति का आपराधिक इतिहास क्या है. उसे कितनी बार जनप्रतिनिधि ने छुड़वाया है. उक्त व्यक्ति के बारे में यह भी कहा है कि उसने गालीगलौज की थी. इसकी यूपी 100 पर शिकायत की. इसमें क्या हुआ?