गिरिडीहः एक करोड़ के इनामी नक्सली पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, 25 लाख के इनामी अजय महतो उर्फ टाइगर समेत 17 हार्डकोर नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलेगा. डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने पुलिस से प्राप्त आवेदन का अध्ययन कर राज्य सरकार से देशद्रोह के मामले में अभियोजन की मंजूरी देने की मांग की थी. राज्य सरकार ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी है.
दरअसल, राज्य सरकार की मंजूरी के बिना न्यायालय में ऐसे मामलों में आरोप गठन नहीं हो सकता है. जिन माओवादियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलेगा उनमें पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, अजय महतो, नुनूचंद महतो, संतोष महतो, बीरसेन दा उर्फ चंचल दा, कृष्णा हांसदा, साहेब राम मांझी उर्फ राहुल मांझी, कार्तिक महतो, दीपक सिंह उर्फ दीपू सिंह, जागेश्वर महतो, श्याम उर्फ श्याम मांझी, रणविजय महतो उर्फ रंजन, मिथिलेश महतो उर्फ दुर्योधन महतो, चंद्रमोहन राय उर्फ झाजी, जीतन मरांडी, कलुआ उर्फ चरका मांझी और संतोष उर्फ चंदा मरांडी शामिल हैं. इनमें से जीतन मरांडी, चंद्रमोहन राय व दीपक सिंह समेत कई को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. दोनों इनामी नक्सलियों समेत कई अभी भी फरार हैं.जिस मामले में देशद्रोह का केस चलाने का आदेश दिया गया है वह तीन साल पुराना है. आठ मई 2018 की रात 11 बजे पीरटांड़ थाना क्षेत्र में यह घटना हुई थी. नक्सल प्रभावित क्षेत्र खुखरा से मनियाडीह की पक्की सड़क बन रही थी. लेवी की राशि नहीं मिलने से नक्सली नाराज थे. निर्माण कर रही गणेश यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी के कैंप को अनल दा के दस्ते ने घेर लिया था. पोकलेन मशीन, हाइवा, ट्रैक्टर व पानी की टंकी में आग लगा दी थी. करीब आठ वाहन जलाए गए थे. करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था. नक्सलियों ने वारदात को अंजाम देकर दहशत फैला दी थी. कंपनी के कर्मचारी राजू यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी.