गढ़वाः बचपन से ही कमर के ट्यूमर से जूझ रहे 20 वर्षीय झारखंड के गढ़वा जिले के पप्पू यादव को मददगार के रूप में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद मिले जो नई जिंदगी देने के प्रयास में लगे हुए हैं. डंडई थाना क्षेत्र के बौलिया गांव निवासी ब्रह्मदेव यादव के पुत्र पप्पू यादव को बचपन से ही कमर में ट्यूमर है. वर्ष 2010 में जब वह काफी परेशान रहने लगा तो स्वजन उसे डालटेनगंज में डाॅ. मोहन प्रसाद को दिखाया. डॉ. मोहन प्रसाद ने ट्यूमर का ऑपरेशन किया.
ऑपरेशन के बाद पेशाब में परेशानी होने लगी तो उसे यूरो बैग लगाया गया. इसके बाद रांची रिम्स में 4 वर्षों तक इलाज चलता रहा. पर कोई फायदा नहीं हुआ. बकौल पप्पू, पिताजी ने इलाज के लिए 12 कट्ठा जमीन बेच दिया. साथ ही करीब 10 लाख रुपये कर्ज भी ले लिया. लेकिन बीमारी ठीक होने के बजाय बढ़ते ही गया. जो जमीन था, सब बिक गया. कर्ज भी काफी हो गया तो पिताजी ने इलाज कराने में असमर्थता व्यक्त कर दी. तब मैं अकेले स्वयं पटना, वाराणसी में कई वर्षों तक इलाज कराता रहा.
इसके बाद एम्स दिल्ली इलाज कराने गया. वहां 8 दिनों तक रहा, लेकिन मेरा नंबर नहीं लग सका. निराश होकर घर आ गया. फिर वाराणसी से इलाज कराने लगा. गत वर्ष 2 अक्टूबर को इलाज कराने वाराणसी गया था. वहां एक दुकान में टीवी पर देखा कि लॉकडाउन के दौरान मुंबई में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद प्रवासी मजदूरों सहित जरूरतमंदों की दिल खोलकर सहायता कर रहे हैं. मेरे मन में भी आस जगी कि मैं वहां जाऊंगा तो मेरा भी इलाज सोनू सूद द्वारा करा दिया जाएगा.
यह सोचकर मैं उसी दिन मुंबई के लिए वाराणसी से ही ट्रेन पर सवार हो गया. 4 अक्टूबर को मुंबई दादर रेलवे स्टेशन पहुंचा. वहां सोनू सूद के बारे में पता किया तो लोगों ने कहा कि इतनी आसानी से उनसे मुलाकात नहीं होगी. पर मैं हार मानने वाला कहां था. मुंबई के आदर्श नगर जमुना नगर उनके फ्लैट पर पहुंचा. वहां मुझे शुभम भैया से मुलाकात हुई. उन्होंने सोनू सूद से भेंट कराया. उन्हें मैंने अपनी परेशानी बताई. 8 दिनों तक मैं उनके यहां ही रहा. इसके बाद मुझे दूसरी जगह रखा गया. वहां कोकिलाबेन अस्पताल में एक माह तक मेरा इलाज चला.
मेरे इलाज में सोनू सूद ने करीब 8 लाख रुपये खर्च किए. इसके बाद नवंबर माह में दीपावली पर एक माह का दवा व पैसा देकर मुझे घर भेजा. एक माह बाद दवा खत्म होने पर 9 दिसंबर 2020 को पुनः मैं मुंबई सोनू सूद के पास गया. सोनू सूद ने पुनः इलाज कराया. 14 जनवरी 2021 को जांच में पता चला कि किडनी 3.8 पर पहुंच गई है. 50 फीसद ही किडनी काम कर रही है. इलाज के बाद 2 माह का दवा, पैसा व कपड़ा आदि देकर सोनू सूद ने गत 20 जनवरी को मुझे घर भेजा. सोनू सूद ने कहा है कि यदि ठीक नहीं हुआ तो एम्स में ले जाकर इलाज कराऊंगा.
पैसा नहीं होने के बावजूद मैं इलाज कराने पटना, वाराणसी दिल्ली तक गया. इस दौरान किराया की कौन कहे, खाने के लिए भी पैसे नहीं रहते थे. ट्रेनों में भीख मांग कर कुछ खा लेता था. शहरों में मंदिरों में जाकर मांग कर खाता था. ट्रेनों में अपनी परेशानी बताने पर जो दयालु टीटीई रहते थे, वह छोड़ देते थे. एक दो बार तो टीटीई से मार भी खानी पड़ी. पर मैं हिम्मत नहीं हारा और मुंबई में बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद के पास मदद मांगने के लिए पहुंच ही गया. मार्च माह में सोनू सूद ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात करने के लिए रेडमी का महंगा मोबाइल भी घर भेजा है. सोनू सूद के द्वारा बराबर खर्च के लिए पैसा घर भेजा जा रहा है. होली के त्यौहार में कपड़ा और पैसा भेजने के लिए सोनू भैया ने कहा है.