नयी दिल्लीः सऊदी अरामको अभी भी रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के साथ उसके तेल से रसायन बनाने की ओ2सी) इकाई में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को लेकर बातचीत कर रही है। वित्तीय सेवा प्रदाता अमेरिकी कंपनी मोर्गन स्टेनले ने सोमवार को सऊदी अरब की कंपनी के 2020 के वित्तीय परिणाम की घोषणा के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत का हवाला देते हुए यह बात कही।
उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अगस्त 2019 में दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक कंपनी को ओ2सी इकाई में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचे जाने की घोषणा की थी। इसमें गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरी और पेट्रोरसायन संपत्ति शामिल है। सौदे को मार्च 2020 तक पूरा होना था लेकिन इसमें देरी हुई। मोर्गन स्टेनले ने एक रिपोर्ट में कहा, ”सऊदी अरामको के वित्तीय परिणाम के बाद विश्लेषकों के साथ चर्चा में यह संकेत दिया गया कि कंपनी रिलायंस के साथ सहमति पत्र पर गैर-बाध्यकारी एमओयू पर हस्ताक्षर के संदर्भ में अभी भी संभावित भागीदारी के रूप में मौजूदा अवसर के आकलन को लेकर भारतीय कंपनी के साथ बातचीत कर रही है।’
रिफाइनरी और पेट्रो रसायन संयंत्रों के अलावा ओ2सी कारोबार में ईंधन के खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। हालांकि इस सौदे में बंगाल की खाड़ी में केजी-डी6 ब्लॉक में स्थित तेल एवं गैस उत्पादन संपत्ति शामिल नहीं है। रिलायंस ने सऊदी अरामको के साथ गैर-बाध्यकारी आशय पत्र पर हस्ताक्षर के बाद 2019 में ओ2सी कारोबार का मूल्य 75 अरब डॉलर बताया था।