गुमला : केन्द्र व राज्य की डबल इंजन वाली सरकार अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में शहरी क्षेत्र की तरह गुणवत्तायुक्त शिक्षा व रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। राज्य के विकास के लिए युवा शक्ति की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। वर्तमान सरकार द्वारा युवा शक्ति को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। क्योंकि रोजगार नहीं मिलने के कारण लोग पलायन कर जाते है तथा उनका आर्थिक व शारीरिक शोषण होता है। आज नर्सिंग कॉलेज का उद्घाटन हुआ, जो बच्चियों को सौ प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराएगा। इससे पूर्व चान्हो व चाईबासा में नर्सिंग कौशल कॉलेज का शुभारंभ हो चुका है। साहेबगंज सहित अन्य जनजाजतीय वाले क्षेत्रों में भी नर्सिंग कौशल कॉलेज खोला जाएगा। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने प्रेझा फाउंडेशन द्वारा संचालित गुमला सदर अस्पताल परिसर स्थित नर्सिंग कौशल कॉलेज के उद्घाटन कार्यक्रम में कही।
प्रशिक्षण के बाद हुनरमंद हाथों को रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप नर्सिंग कौशल कॉलेज से दो वर्ष के एएनएम या जीएनएम के प्रशिक्षण लेंगी। इसके बाद आप सभी को अस्पतालों में नौकरी प्रदान किया जाएगा, जिसमें आपको अच्छा मानदेय भी प्राप्त होगा। कौशल विकास योजना के तहत राज्य में आईटीआई, डिप्लोमा, नर्सिंग का प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षण के साथ व्यवहारिक भी रहें। मरीज के अस्पताल आने पर चिकित्सक अथवा नर्स के व्यवहार से ही रोगी केई आधा बीमारी कम हो जाती है।
नर्सिंग कॉलेज की व्यवस्थाओं पर भी डाली नजर:-
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नर्सिंग कॉलेज स्थित प्रसव प्रशिक्षण केन्द्र, प्रसव प्रशिक्षण, ऑपरेशन थियेटर, न्यूट्रेशन कैब, बुजुर्ग लोगों की सेवा कैसे की जाती है सहित अन्य प्रशिक्षण केन्द्रों का निरीक्षण कर विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उराँव, लोकसभा सांसद श्री सुदर्शन भगत, गुमला विधायक श्री शिवशंकर उराँव, जिला बीस सूत्री उपाध्यक्ष हीरा साहु, नर्सिंग कौशल काॅलेज के प्राचार्य कर्नल अंजनी कुमार सहित अन्य मौजूद थे।