नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में प्रतिदिन 37 किमी हाईवे बनाकर हम लोगों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. हम लोगों ने कोरोना काल की दुश्वारियों के बावजूद 13 हजार किमी की लंबाई के हाईवे बनाकर एक उपलब्धि हासिल की है.
गुरुवार को गडकरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमने देश भर में नेशनल हाईवे निर्माण में बहुत प्रगति की है. अब हम हर दिन 37 किमी हाईवे बना रहे हैं. यह उपलब्धि इस मामले में खास है क्योंकि कोरोना काल में भी हमने तेज गति से निर्माण जारी रखा. हमारी उपलब्धियां अभूतपूर्व हैं और दुनिया में कहीं ऐसी मिसाल नहीं मिलती.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं उनकी लागत पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 54 फीसद तक बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि पिछले सात साल में राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई पचास फीसद तक बढ़ गई है. अप्रैल 2014 में राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई जहां 91,287 किमी थी वहीं मार्च 2020 को राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई 1,37,625 किमी हो गई. इतना ही नहीं राजमार्गो की लागत भी 5.5 गुना बढ़ चुकी है. वित्तीय वर्ष 2015 में जो लागत 33,414 करोड़ थी वह 20 मार्च 2021 को 1,83,101 करोड़ हो गई. कोरोना के प्रभाव के कारण वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में स्वीकृत राशि में 126 फीसद की वृद्धि हुई. हालांकि इस अवधि में राजमार्ग की स्वीकृत लंबाई भी 9 फीसद बढ़ गई.
सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री गडकरी ने बताया कि जब उन्होंने राजमार्ग मंत्रालय का प्रभार संभाला उस समय 3.85 लाख करोड़ की लागत वाले 406 प्रोजेक्ट लटके पड़े थे. हम लोगों ने एक के बाद एक कई कदम उठाते हुए भारतीय बैंकों के तीन लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते (एनपीए होने) में जाने से बचा लिए.
उन्होंने कहा कि हाईवे निर्माण में गति लाने के लिए हमने ताबड़तोड़ फैसले लिए. हमने 40 हजार करोड़ की लागत वाले प्रोजेक्ट रद भी कर दिए. इन सब उपायों से आज हम कामयाबी हासिल कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने भारतमाला परियोजना के तहत 5.35 लाख करोड़ की लागत से 34,800 किमी के राजमार्गो के निर्माण की परिकल्पना की है. पिछले पांच सालों में 17 लाख करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत कर इस काम की मजबूत बुनियाद डाल दी गई है. नए हाईवे बनने के साथ एक नया भारत बन रहा है. अगले पांच सालों में हम अमेरिका और यूरोप को टक्कर देने की स्थिति में होंगे.
उन्होंने कहा कि देश में ग्रीन एक्सप्रेस कॉरिडोर की शुरुआत भी की जा रही है. इसमें एक लाख करोड़ की लागत से मुंबई-दिल्ली ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 10 हजार करोड़ की लागत से बना द्वारका एक्सप्रेस वे इंजीनियरिंग का एक नायाब नमूना है. दिल्ली के आसपास यह सिंगापुर जैसा नजारा पेश करता है.
सीमा पर सड़कों के निर्माण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कैलास-मानसरोवर वाया पिथौरागढ़ मार्ग का 90 फीसद काम पूरा हो गया है. इस रूट पर आस्ट्रेलियन तकनीक से सुरंगें बनाई जा रही हैं. यहां शून्य से आठ डिग्री नीचे तापमान पर युद्धस्तर पर काम जारी है.