इस्लामाबाद : भारत से कपास के आयात का फैसला लेने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान के यू टर्न लेने से पाकिस्तान के टेक्सटाइल सेक्टर में मायूसी छा गई है. यहां इंडस्ट्री से जुड़े अधिकांश उद्यमियों का कहना है कि पड़ोसी देश से कपास का आयात वक्त की जरूरत है. निश्चित ही इसका बड़ा नुकसान इंडस्ट्री से जुड़े निर्यातकों को उठाना पड़ेगा.
पाकिस्तान एपैरल फोरम के चेयरमैन जावेद बिलवानी ने कहा कि मंत्रिमंडल का भारत से कपास आयात का फैसला टाल दिए जाने का संदेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेशी ग्राहकों में गलत जाएगा. सभी विदेशी ग्राहक जानते हैं कि पाक में अभी सूती धागे की जबर्दस्त कमी चल रही है. डान अखबार के मुताबिक टेक्सटाइल एक्सपोर्ट सेक्टर लगातार यह मांग करता रहा है कि कॉटन यार्न के आयात को ड्यूटी-फ्री किया जाए. अब इस निर्णय का खामियाजा भी भुगतने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने मंत्रिमंडल से भारत से कपास, सूती धागे और चीनी के आयात की अनुमति मांगी थी. पहले इमरान के अंतंर्गत काम करने वाले टेक्सटाइल मंत्रालय ने अनुमति दे दी. उसके बाद उन्हीं के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने इस निर्णय को रोक दिया.