राजस्थान : भारत के सरहदी इलाके बाड़मेर में सरहद पार कर गलती से आए एक मासूम को सीमा सुरक्षा बल ने वापस पाकिस्तान को लौटा दिया है. खबर इसलिए बहुत खास है कि इसी बाड़मेर का एक युवक बीते कई महीनों से पाकिस्तान की जेल में बन्द है, लेकिन भारत की सीमा सुरक्षा बल ने मासूम को न केवल सरहद पार करते ही खाना खिलाया. बल्कि उसके बाद फ्लैग मीटिंग कर पाक रेंजर्स को बुलाया और उसके बाद इस मासूम बच्चे को पाकिस्तान को सौंप दिया है. पाकिस्तान को सौंपते वक्त तक बच्चे का स्वास्थ्य भी बेहतर था.
हालांकि एक सवाल यह भी बनता है कि इसी भारत के बाड़मेर जिले के सज्जन का पार निवासी गेमराराम 6 माह से पाकिस्तान की जेल में बंद है, लेकिन उसे वापस लौटाने को लेकर पाकिस्तान कुछ भी नहीं कर रहा है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान का करीम कल शाम 5 बजे भारतीय सीमा में घुस गया. गलती से भारत की सरहद में आए करीम को सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने मानवता का परिचय देते हुए खाना खिलाया. फ़िर पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग कर उसे खुद के वतन पाकिस्तान को सौंप दिया है. गौरतलब है कि कल शाम करीब 5 बजे एक 8 वर्षीय पाकिस्तानी बालक करीम पुत्र दमन खां निवासी नागरपारकर, जिला थारपारकर गलती से सीमा पार कर भारत मे प्रवेश कर गया.
यहां सीमा पर तैनात जवानों ने रो रहे बालक को खाना खिलाकर पूछताछ करने पर उसने खुद को पाकिस्तानी होना बताया. जिसके बाद भारत-पाक जवानों के बीच शाम 7 बजे फ्लैग मीटिंग हुई, जिसमें बालक को वापिस पाकिस्तान को सुपुर्द कर दिया गया है. आपको बता दे कि बाड़मेर जिले के बीजराड़ पुलिस थाना क्षेत्र के सज्जन का पार निवासी युवक गेमराराम 5 नवम्बर को रात के अंधेरे में तारबंदी पार कर पाकिस्तान चला गया. पाकिस्तान सीमा में जाते ही उसे 6 नवंबर को वहां के रेंजर्स ने पकड़ लिया. पाक रेंजर्स ने इस बारे में भारत के बीएसएफ अधिकारियों को जानकारी दी और गेमराराम को वहां जेल में बंद कर दिया.
पाक रेंजर्स ने बीएसएफ अधिकारियों को गेमराराम के उनके कब्जे में होने की जानकारी तब दी जब तारबंदी पार कर पाकिस्तान की तरफ से 84 बकरियां और 8 भेड़ बाड़मेर में आ गई. तारबंदी पार कर इनके बाड़मेर में आने पर बीएसएफ अधिकारियों व पाक रेंजर्स की वार्ता हुई. इस दौरान पाक रेंजर्स ने बताया कि गेमराराम नाम का युवक तारबंदी पार कर उनके यहां पहुंच गया था और अब वह जेल में बंद है. इस वार्ता के बाद बीएसएफ ने पाकिस्तान से आई बकरियां और भेड़ वहां के रेंजर्स को सौंप दी.