नई दिल्ली : हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत अमेरिका के साथ पी8 समुद्री सर्वेक्षण विमान को खरीदने की योजना पर काम कर रहा है. इससे भारतीय नौसेना की समुद्री क्षेत्र में निगरानी क्षमता में वद्धि होगी.
रिपोर्ट के अनुसार, अगले सप्ताह होने वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है. इस सौदे की कीमत 2,22,85,12,50,000 रुपये (3.1 मिलियन डॉलर) है. इस खरीद को विदेशी सैन्य बिक्री के तहत खरीदा जाएगा.
बता दें कि भारतीय नौसेना पहले से ही 12 बोइंग पी8 समुद्री गश्ती विमान को ऑपरेट कर रही है, लेकिन बढ़ते समुद्री खतरों से निपटने के लिए नौसेना को और विमानों की आवश्यकता है.
डील का 30 फीसदी हिस्सा मेक इन इंडिया होगा
इस सौदे में घरेलू कंपनियों के लिए 30 फीसदी ऑफसेट क्लॉज अनिवार्य होगा. मतलब इस सौदे के कुल कीमत का 30 फीसदी निर्माण भारत की कंपनियां करेंगी. इन 10 विमानों के नौसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद भारत के पास कुल 22 पी8 आई विमान हो जाएंगे.
यह विमान समु्द्री गश्ती के साथ ही हल्के टारपीडो को दागने और समुद्र में छिपे दुश्मन के पनडुब्बी को ट्रैक करने में माहिर है. इसे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना पहले से ही ऑपरेट कर रही हैं. भारतीय नौसेना बोइंग द्वारा अतिरिक्त 10 पी8 आई विमान को देने के बाद रूसी मूल के पुराने पड़ चुके विमानों को सेवा से हटा देगी.
ज्ञात हो कि भारत ने आठ विमानों के पहले बैच को 2009 में 2.1 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत ऑर्डर दिया था, जबकि 2016 में चार अतिरिक्त विमानों का ऑर्डर दिया गया था.
पी8आई विमान की ये हैं विशेषताएं
णोदन : दो CFM56-7 इंजन प्रत्येक 27,300 पाउंड थ्रस्ट पैदा करते हैं
लंबाई : 39.47 मीटर
पंख का फैलाव : 37.64 मीटर
ऊंचाई : 12.83 मीटर
अधिकतम टेकऑफ़ वजन : 85,139 किलोग्राम
गति : 490 समुद्री मील (789 किमी / घंटा)
रेंज : 1,200+ समुद्री मील
चालक दल : 9
नई दिल्ली : हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भारत अमेरिका के साथ पी8 समुद्री सर्वेक्षण विमान को खरीदने की योजना पर काम कर रहा है. इससे भारतीय नौसेना की समुद्री क्षेत्र में निगरानी क्षमता में वद्धि होगी.
रिपोर्ट के अनुसार, अगले सप्ताह होने वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है. इस सौदे की कीमत 2,22,85,12,50,000 रुपये (3.1 मिलियन डॉलर) है. इस खरीद को विदेशी सैन्य बिक्री के तहत खरीदा जाएगा.
बता दें कि भारतीय नौसेना पहले से ही 12 बोइंग पी8 समुद्री गश्ती विमान को ऑपरेट कर रही है, लेकिन बढ़ते समुद्री खतरों से निपटने के लिए नौसेना को और विमानों की आवश्यकता है.
डील का 30 फीसदी हिस्सा मेक इन इंडिया होगा
इस सौदे में घरेलू कंपनियों के लिए 30 फीसदी ऑफसेट क्लॉज अनिवार्य होगा. मतलब इस सौदे के कुल कीमत का 30 फीसदी निर्माण भारत की कंपनियां करेंगी. इन 10 विमानों के नौसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद भारत के पास कुल 22 पी8 आई विमान हो जाएंगे.
यह विमान समु्द्री गश्ती के साथ ही हल्के टारपीडो को दागने और समुद्र में छिपे दुश्मन के पनडुब्बी को ट्रैक करने में माहिर है. इसे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना पहले से ही ऑपरेट कर रही हैं. भारतीय नौसेना बोइंग द्वारा अतिरिक्त 10 पी8 आई विमान को देने के बाद रूसी मूल के पुराने पड़ चुके विमानों को सेवा से हटा देगी.
ज्ञात हो कि भारत ने आठ विमानों के पहले बैच को 2009 में 2.1 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत ऑर्डर दिया था, जबकि 2016 में चार अतिरिक्त विमानों का ऑर्डर दिया गया था.
पी8आई विमान की ये हैं विशेषताएं
णोदन : दो CFM56-7 इंजन प्रत्येक 27,300 पाउंड थ्रस्ट पैदा करते हैं
लंबाई : 39.47 मीटर
पंख का फैलाव : 37.64 मीटर
ऊंचाई : 12.83 मीटर
अधिकतम टेकऑफ़ वजन : 85,139 किलोग्राम
गति : 490 समुद्री मील (789 किमी / घंटा)
रेंज : 1,200+ समुद्री मील
चालक दल : 9
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