नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से 3 आरोपियों जुनैद, इरशाद, चांद मोहम्मद को मिली जमानत को रद्द करवाने को लेकर दिल्ली पुलिस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है. दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट से तीनों आरोपियों को मिली जमानत को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सोमवार 5 अप्रैल को सुनवाई कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच इस अर्जी पर सुनवाई करेगी.
दरअसल संगीन धाराओं में गिरफ्तार किए गए जुनैद, इरशाद और चांद मोहम्मद को जस्टिस सुरेश कुमार कैत की बेंच ने यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि इस मामले में पुलिस के पास प्रत्यक्ष, पारिस्थितिकीय और वैज्ञानिक सुबूत नहीं हैं. इन तीनों पर फरवरी 2020 में हुए दिल्ली हिंसा के दौरान शाहिद नाम के व्यक्ति की हत्या का आरोप है. पुलिस के आरोपों के मुताबिक यह तीनों उन लोगों में शामिल थे जो सप्तऋषि बिल्डिंग की छत पर थे और दूसरी छत पर मौजूद हिंदू समूहों पर फायरिंग और पथराव कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि उस प्रक्रिया में सप्तऋषि भवन की छत ही मौजूद शाहिद की गोली लगने से मौत हो गई थी.
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने एक टीवी चैनल के शो में दिखाए वीडियो के आधार पर दिल्ली दंगों के मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए 3 व्यक्तियों को जेल से रिहाई दिलाई थी. मामले कि सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वीडियो को देखने के बाद माना था कि तीनों पर दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप सही नहीं मालूम होते. कोर्ट ने दिखाए गए वीडियो के आधार पर कहा कि जुनैद, चांद मोहम्मद और इरशाद के खिलाफ कोई ऐसा सबूत उपलब्ध नहीं है, जो प्रत्यक्ष, परिस्थितिजन्य या फॉरेंसिक हो. वहीं, दिल्ली पुलिस का कहना था कि उस प्रक्रिया में, सप्तऋषि भवन की छत पर मौजूद शाहिद की गोली लगने से मौत हो गई थी.