काठमांडूः नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली ने प्रतिनिधि सभा में एक सांसद के सवाल के जवाब में कहा कि भारत और नेपाल मिलकर सीमा का अध्ययन करने पर सहमत हो गए हैं. दोनों देशों के अधिकारी सीमा को लेकर पैदा गलतफहमी दूर कर सही स्थिति का निर्धारण करेंगे. ज्ञवाली ने बताया कि धारचूला जिले में भारत से लगने वाली नेपाल की सीमा पर भारत की ओर निर्माण कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि भारत महाकाली नदी के किनारे सुरक्षा दीवार का निर्माण करवा रहा है.
धारचूला के चीफ सर्वे ऑफीसर की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल की जमीन का अतिक्रमण कर भारत दीवार का निर्माण करवा रहा है. इस मसले पर भारत सरकार से वार्ता करने पर दोनों देश सीमा पर संयुक्त सर्वे पर सहमत हो गए हैं. 12 अप्रैल को दोनों देशों के अधिकारी मौके पर जाकर सीमा का सर्वे करेंगे. देखेंगे कि भारत का निर्माण नेपाल की जमीन पर तो नहीं हो रहा. ज्ञवाली ने कहा कि नेपाल की आपत्ति पर भारत ने साफ कर दिया है कि वह नेपाल की संप्रभुता का पूरा सम्मान करेगा. यदि दीवार का निर्माण नेपाल की जमीन पर हुआ पाया गया तो उसे हटाया जाएगा और उसी स्थान पर सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी, जहां पर भारत की जमीन होगी
बता दें कि उत्तराखंड में नेपाल से लगने वाली सीमा पर भारत के सड़क बनाने पर दोनों देशों के बीच विवाद पैदा हो गया. नेपाल ने उस जगह को अपने नक्शे में शामिल करते हुए संशोधित नक्शा जारी कर दिया जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी. भारत के विरोध के बावजूद इस नए नक्शे में नेपाल ने तीन भारतीय इलाकों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपने क्षेत्र के रूप में दर्शाया था. भारत के कड़े रुख से नेपाल शांत हुआ और अब दोनों देश मिलकर कई क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं.