बीएनएन डेस्क : अमेरिका ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच तमाम मसलों पर सीधी बातचीत के लिए प्रोत्साहित करेगा. हालांकि अमेरिका के गृह मंत्रालय ने भारत से चीनी और कपास के आयात नहीं करने के पाकिस्तान सरकार के फैसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
अपने रोजाना के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नीड प्राइस ने भारत-पाकिस्तान के बीच कारोबार शुरू करने के पत्रकारों के सवाल पर कहा, ‘मैं उस पर विशेष रूप से टिप्पणी नहीं करना चाहता.’
प्राइस ने पत्रकारों के सवाल को जवाब देते हुए कहा, ‘संबंधित मसलों पर हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद को प्रोत्साहित करते रहेंगे.’ लेकिन जब चीनी और कपास के आयात के फैसले को फिलहाल के स्थगित किए जाने के फैसले पर सवाल किया गया तो इस अमेरिकी अधिकारी ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
असल में, 1 अप्रैल को पाकिस्तान की इकोनॉमिक कॉर्डिनेशन कमेटी ने सरकार के सामने प्रस्ताव रखा था कि भारत से चीनी और कपास का आयात शुरू किया जाए. कपास और चीनी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया और फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया. पाकिस्तान का कहना है कि जब तक भारत कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं करता है, दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य बनाना मुमकिन नहीं है.
इमरान खान की कैबिनेट के इस फैसले से पाकिस्तान के व्यापारियों में काफी निराशा है. पाकिस्तानी कारोबारियों का कहना है कि उनके यहां कपास की कमी है, लिहाजा सूती धागे का आयात सुनिश्चित किया जाना चाहिए अथवा कपड़े का निर्यात रोकना होगा. इसी तरह चीनी के मोर्चे पर भी पाकिस्तान महंगाई से जूझ रहा है लेकिन उसने भारत से किफायती शक्कर लेने से इनकार कर दिया है.