नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में आवाजाही की छूट सहित विभिन्न याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत ने गुरुवार को याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला लिया. कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन के वकील ने पीठ से कहा कि मीडिया को बीते एक महीने से कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इस पीठ की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे थे.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि श्रीनगर से अखबार प्रकाशित किए जा रहे हैं.
कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला के वकील ने कहा कि लोग स्वतंत्र रूप से यात्रा करने में असमर्थ है, उन्हें उनके मूल अधिकार से वंचित किया जा रहा है और उनकी पहुंच अस्पताल तक नहीं है.
इस पर मेहता ने कहा कि लोगों की पहुंच अस्पतालों तक है और करीब 700,000 लोग घाटी में अस्पताल गए हैं.
पूनावाला ने प्रतिबंध और संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) व अनुच्छेद 21(निजी स्वतंत्रता) के निलंबन का मुद्दा उठाया.
जब कोर्ट ने पूनावाला से उनके पेशे के बारे में पूछताछ की तो अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वह टेलीविजन चैनलों पर दिखाई देते हैं.
हालांकि, पूनावाला के वकील ने कहा कि वह एक कार्यकर्ता हैं और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए कहीं भी उपस्थित होने का अधिकार है.