इंदौर: मध्यप्रदेश में कोरोना विस्फोट के बाद शिवराज सिंह सरकार ने हाई लेवल बैठक के बाद पूरे प्रदेश में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है.
अप्रैल 24 तारीख से 30 तारीख तक शादियों की भरमार है. हालांकि इसमें केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है. इस वजह से बाजार में भी खरीदारों की भीड़ दिखाई दे रही है. भले ही लोग कम लोगों के साथ शादियां करें लेकिन शादियों पर कपड़े, बतर्न, गहनें आदि खरीदने ही हैं.
लॉकडाउन के बाद अब शादियों वाले घरों में चिंता का माहौल है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें क्या ना करें. धर्मशालाएं महीनों पहले बुक हो चुकी हैं, फोटोग्राफर से लेकर रसोइयों तक सभी की बुकिंग कर उन्हें एडवांस भी दिया जा चुका है. लेकिन विवाह कार्यक्रम पर अब संशय के बादल छा गए हैं.
पंडित हेमंत रिछारिया के अनुसार, 18 अप्रैल तक शुक्र अस्त होने के कारण फिलहाल शादियां नहीं हैं, लेकिन इसके बाद शादियां प्रारंभ होंगी. यूं तो कई मुहूर्त हैं, लेकिन 25 अप्रैल, 8 मई और 23 मई के मुहूर्त ऐसे हैं जो लॉकडाउन के दिन ही पड़ रहे हैं. ऐसे में पहले से ही प्रशासन के नियमानुसार तैयारियां कर लें.
गाइडलाइंस के अनुसार, शादी समारोह में वर-वधू पक्ष, पुजारी समेत 50 लोग शामिल हो सकेंगे. इस दौरान बारात निकालने की अनुमति नहीं है. शादी वाली जगह पर बैंड वालों और ढोल वालों को जाने की अनुमति रहेगी.
शादी में शामिल सभी लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य है. सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजर का इस्तेमाल भी आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए. प्रशासन ने साफ कहा है कि अगर कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन होता है तो जिस स्थान पर समारोह हो रहा है वहां कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलेगी और कार्यक्रम स्थल को सील कर दिया जाएगा.
इंदौर एडीएम पवन जैन ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि शादी के लिए संख्या तो 50 ही निर्धारित है, लेकिन लॉकडाउन के दिन शादी होने पर क्षेत्रीय एसडीएम से उसकी अनुमति लेना आवश्यक है. क्योंकि यदि लॉकडाउन के दिन शादी है तो स्वाभाविक रूप से आना-जाना भी रहेगा.
ऐसे में बिना परमीशन के मूवमेंट करना संभव नहीं हो पाएगा. अत: शादी के लिए अनुमति जरूर लें और विवाह स्थल पर ही रहें.