हिमाचल प्रदेश: देश के बाकी हिस्सों की तरह हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना के बढ़ते केस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अबकी बार कोरोना वायरस का स्प्रेड बहुत तेज है, हिमाचल प्रदेश में एक्टिव साढ़े चार हजार से अधिक हो गए हैं और मौत का आंकड़ा का बढ़ता जा रहा है, फिर भी हम जरूरी कदम उठा रहे हैं.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के मामले में हम फोकस होकर काम कर रहे हैं, उनकी जान को बचाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का मतलब ये नहीं है कि कोरोना नहीं होगा, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, वैक्सीन एक माध्यम है, जो वायरस से बचने में मदद करता है.
लोगों की लापरवाही का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना को लेकर इस बार गंभीरता नहीं है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं, 2020 में हमारा बिजनेस तबाह हो गया, इस साल लोग आ रहे हैं और घूम रहे हैं, हम सोच रहे हैं कि अगर इस बार सख्ती कर देंगे तो हमारा बिजनेस पूरी तरह से तबाह हो जाएगा.
होटल और टूरिस्ट के लिए जारी एसओपी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने अपनी अर्थव्यवस्था को भी देखना होगा, एसओपी के मुताबिक ही टूरिस्ट आएंगे, होटल मालिकों को भी निर्देश दिया गया है, अगर हम टूरिस्ट पर अगर नियम कानून ज्यादा लागू करेंगे तो वह हमारे प्रदेश में नहीं आएंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि टूरिस्ट जिस होटल में आएगा, वहां के होटल मालिकों की जिम्मेदारी होगी कि वह कोरोना के नियमों का पालन करें, अगर टूरिस्ट के अंदर कोई सिम्टम्स है तो उसका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा, हम पूरी तरह से मनाही नहीं कर सकते हैं, इससे होटल इंडस्ट्री तबाह हो जाएगा, हमें संतुलन की बनाने की जरूरत है.
कोरोना को रोकने के उपाय का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हमें टेस्टिंग और ट्रेसिंग को और तेज करना होगा, केस कम होते ही ट्रेसिंग कम हो गई थी, अब ट्रेसिंग को फिर से बढ़ाने की जरूरत है, हिमाचल प्रदेश में अभी रोजाना आठ हजार से अधिक टेस्टिंग की जा रही है, हिमाचल में वैक्सीनेशन बहुत तेजी से चल रहा है.
कोरोना वैक्सीनेशन के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वैक्सीन की कमी नहीं है, हमारे यहां वैक्सीन वेस्टेज भी बहुत कम है. उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश में 21 अप्रैल तक स्कूलों को बंद कर दिया गया है, बोर्डिंग स्कूल में बच्चे रह सकते हैं, लेकिन वह पॉजिटिव होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी बोर्डिंग स्कूल की होगी.