कोरोना हाल में अस्पताल की बदतर स्थिति पर लगायी फटकार
रांची: झारखंड उच्च न्यायालय में रिम्स की लचर व्यवस्था पर सोमवार को भी सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लिए गए मामले पर सुनवाई करते हुए रांची के सिविल सर्जन के गलत बयानी पर नाराजगी जताई और मौखिक टिप्पणी करते हुए सख्त हिदायत दी कि अदालत के समक्ष भूल से भी गलत बयानी न करें, यह अपराध की श्रेणी में आता है.
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे. मामले में खंडपीठ के द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की प्रगति के संदर्भ में शपथपत्र के माध्यम से बताने का निर्देश दिया है. इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए कल 13 अप्रैल का समय निर्धारित किया है.
शवों के अंतिम संस्कार में लम्बे इंतजार को लेकर और विद्युत शवदाह गृह में खराबी को लेकर रांची के उपायुक्त, रांची नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त सहित अन्य सक्षम अधिकारियों को भी कल सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
रांची समेत राज्य के अन्य अस्पतालों में कोविड पेशेंट के लिए बेड की जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था किए जाने वाले जनहित याचिका सभी पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य के स्वास्थ्य सचिव के साकारात्मक ज़बाब से संतुष्ट हो कर निष्पादित कर दिया.