UP : लोगो का कहना है की नामांकन से पूर्व 27 मार्च को प्रकाशित अंतिम सूची में सभी का नाम शामिल था. पर नामांकन के आखिरी दिन जारी पूरक सूची से नाम गायब है, उनका संदेह है कि इसमें बहुत से बाहरी व्यक्तियों का भी नाम जोड़ दिया गया है
गोरखपुर
यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान में अब कुछ दिन ही बचे हैं. गोरखपुर में अंतिम मतदाता सूची में शामिल कई लोगों के नाम पूरक सूची से गायब होने की शिकायत मिल रही है. स्थिति यह है कि ग्राम पंचायत सदस्य के लिए प्रतीक चिन्ह पा चुके प्रत्याशी का ही नाम गायब है.
कुछ ग्राम पंचायत सदस्य जो निर्विरोध चुने गए हैं, उनका भी सूची से नाम गायब पाया गया है. शिकायत मिलने पर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. गलत तरीके से विलोपित नामों को जांच पश्चात विलोपन निरस्त करने की बात कही है. विवाद की बढ़ रही आशंका
पंचायत चुनाव को लेकर कई प्रकार की गड़बड़ी सामने आ रही है. ऐसे में ग्राम पंचायतों के प्रत्याशी अपनी समस्याओं को लेकर अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन इस मामले में अभी तक अधिकारियों की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने की वजह से मतदान के दिन विवाद की आशंका बढ़ती जा रही है.
बाहरी लोगों के नाम जुड़े होने का आरोप
प्रत्याशियों का कहना है कि नामांकन से पूर्व 27 मार्च को प्रकाशित अंतिम सूची में सभी का नाम शामिल था. पर नामांकन के आखिरी दिन 4 अप्रैल को जारी पूरक सूची से नाम गायब है, उनका कहना है कि इसमें बहुत से बाहरी व्यक्तियों का भी नाम जोड़ दिया गया है.
चुनाव चिन्ह मिला लेकिन सूची से कटा नाम
रामपुर गढ़वाली में 50 नाम कटने की शिकायत की गई है. आरोप है कि वैध लोगों के नाम कटने के साथ ही 42 लोगों के नाम दर्ज किए गए है जो नाबालिग है.ऐसी ही शिकयातें अन्य ग्राम पंचायतों से भी मिल रही है. वही ग्राम पंचायत कटाई टिकर में ग्राम पंचायत सदस्य पद प्रत्याशी बिंदु देवी को चुनाव चिन्ह आवंटित हो चुका है. इसके बावजूद उनका नाम मतदाता सूची से गायब है.
ग्राम पंचायत सदस्य चुनी गईं और सूची से नाम गायब
इसी प्रकार निर्विरोध ग्राम पंचायत सदस्य चुनीं गई एक महिला का नाम भी सूची से कट चुका है. जल्द ही इन समस्याओं का समाधान नहीं ढूंढा गया तो मतदान के दिन यह गड़बड़ी बड़ा बवाल भी करा सकती है. वहीं कानून व्यवस्था को संभालने में लगी पुलिस का सर दर्द और बढ़ सकता है.
डीएम ने कहा समायोजित किए जाएंगे नाम
डीएम के विजयेंद्र पांडियन का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद जांच कराई जा रही है. सूची में नाम जुड़वाना तो अब संभव नहीं है, लेकिन अंतिम सूची में शामिल किसी व्यक्ति का नाम गलत तरीके से विलोपित किया गया है. तो जांच के बाद उसका विलोपन निरस्त किया जाएगा. नाम काटे जाने का कारण पूछने पर डीएम ने कहा कि लिपिकीय गलती से भी कुछ नाम कट सकते हैं. उसे भी समायोजित करा लिया जाएगा.