धनबाद: धनबाद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों एवं संभावित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद द्वारा बैंक मोड में अवस्थित अविष्कार डायग्नोस्टिक सेंटर को एक्स रे चेस्ट एवं सिटी चेस्ट के लिए डेडिकेटेड डायग्नोस्टिक सेंटर के रूप में अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है.
इस संबंध में उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों एवं सस्पेक्टेड मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए उनके उचित स्वास्थ्य उपचार एवं बेहतर इलाज हेतु एक्सरे चेस्ट एवं सिटी चेस्ट जांच करवाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में एसएनएमएमसीएच, धनबाद में अवस्थित हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड को इन जांचों हेतु प्राधिकृत किया गया है. जो कि अपराहन 4ः00 बजे से अपराहन 6ः00 बजे तक संक्रमित मरीजों एवं सस्पेक्टेड मरीजों का एक्स रे चेस्ट एवं सिटी टेस्ट जांच कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों एवं संभावित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के मद्देनजर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद द्वारा बैंक मोड में अवस्थित अविष्कार डायग्नोस्टिक सेंटर को एक्स रे चेस्ट एवं सिटी चेस्ट के लिए डेडिकेटेड डायग्नोस्टिक सेंटर के रूप में अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है. जहां आज से जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि जांच के क्रम में आविष्कार डायग्नोस्टिक सेंटर को उनके संस्थान अंतर्गत नियमित सैनिटाइजेशन एवं फ्यूमिगेशन करने, लैब के अंतर्गत कार्य करने वाले सभी कर्मियों का प्रत्येक 15 दिनों में कोरोना जांच करवाने, सभी जांच कर्मियों द्वारा जांच के दौरान पीपीई किट एवं अन्य सावधानियां सुनिश्चित करने तथा भारत सरकार एवं झारखंड सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अंतर्गत वेस्ट डिस्पोजल करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
उपायुक्त ने बताया कि जांच करवाने वाले मरीजों को एसएनएमएमसीएच, धनबाद में अवस्थित हेल्थ मैप डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा निर्धारित दर के अनुरूप शुल्क देय होगा. साथ ही आविष्कार डायग्नोस्टिक सेंटर को यह निर्देश दिया गया है कि संक्रमित मरीजों की सूचना उनसे साझा करने से पूर्व आईडीएसपी सेल एवं कोविड कंट्रोल रूम से साझा करना सुनिश्चित करेंगे. ताकि मरीजों को बेहतर उपचार की व्यवस्था की जा सके.
उन्होंने बताया कि इंसिडेंट कमांडर द्वारा समय-समय पर संस्थान का औचक निरीक्षण कर दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा. आदेश की लापरवाही एवं उदासीनता एवं निर्देशों का अनुपालन नहीं किए जाने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.