रांचीः बीजेपी विधायकर सीपी सिंह ने कोरोना को लेकर सरकार के सुझाव दिए हैं. सीएम को भेजे सुझाव में लिखा है कि आप मधुपुर से लौटेंगे तो राँची में कोविड से उत्पन्न भयावह स्तिथि में कुछ सुधार होगा, लेकिन अफ़सोस कोरोना रोकथाम हेतू अभी तक सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं हुई है. मुझे बड़ी ही पीड़ा के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके अधिकारी झारखंड की जनता के आँखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं. अखबारों में बड़े बड़े अक्षरों में खाली बेड होने की जानकारी दी जा रही, लेकिन सच्चाई यह है की राँची के अस्पतालों में बेड मरीजों से भरे पड़े हैं, वेंटिलेटर और आक्सिजन की भी भारी कमी है, सरकार के निर्देश के बावजूद बेड में बढ़ोतरी नहीं हुई है.
मुझे रोजाना कई पीड़ित बेड दिलवाने को फोन कर रहे, लेकिन सरकार की बदइंतजामी के कारण मैं उनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराने में असफल हो रहा हूँ. जब कोविड संक्रमित के परिजनों को मैं बेड के लिए आश्वश्त नहीं कर पाता या अगर उन्हें रेमडीसिविर इंजेक्शन नहीं दिला पाता तो बहुत ही ग्लानि महसूस होती है. अस्पताल के द्वारा रेमडेसिविर समय पर न मिलने पर मरीज के परिजन पूरे शहर में चक्कर लगाते फिर रहे हैं. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक रेमडेसिविर की कमी नहीं है, आखिर सरकार वास्तविकता से इतनी दूर क्यूँ है? राँची के सभी निजी पैथ लैब वालों ने बैक्लॉग का हवाला देते हुए सैंपल लेना बंद कर दिया है. सरकारी जगहों पर 4-5 घंटे लाइन में लगने के बाद टेस्ट हो रहा जिसका रिपोर्ट भी लोगों को 5-6 दिन बाद मिलता है? क्या ऐसे ही लड़ेगा झारखंड कोरोना से?
झारखंड में कोरोना के रोकथाम व संक्रमितों के उचित उपचार हेतू कुछ अहम सुझाव हैं जो मैं सरकार के साथ साझा करना चाहता हूँ:
1. प्रतिदिन कोविड संबंधित बुलेटिन जारी हो जिसे प्रिंट/एलेक्ट्रॉनिक/सोशल मिडिया के माध्यम से प्रमुखता से शहरवासियों के साथ साझा किया जाए.
2. राँची में निम्नलिखित बेड की क्या वस्तुस्थिति है इसके लिए लाइव डेशबोर्ड जारी हो जिससे सटीक और रियल-टाइम डेटा लोगों को उप्लब्ध हो सेक. (क) वेंटिलेटर सहित (ख) ओक्सिजन सहित (ग) नॉर्मल बेड
3. कोविड संबंधित जरुरी दवाएँ और स्टॉकिस्ट की जानकारी लाइव डेशबोर्ड के जरिए साझा की जाए.
4. खेलगांव में वृहद तौर पर डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जाए जो वेंटिलेटर एंव ओक्सिजन युक्त हो. ऐसे और कई बड़े भवनों व खाली जगहों को चिन्हित कर आइसोलेशन सेंटर बनाए जाए.
5. परिवहन विभाग द्वारा वैकल्पिक तौर पर प्रयाप्त मात्रा में एम्बुलेंस की व्यवस्था हो ताकि गरीब भाईयों-बहनों को अस्पताल लाने-जाने में कोई परेशानी नहीं हो.
6. सरकार द्वारा रोजाना कोविड जाँच हेतू नए व नियमित केंद्र स्थापित किए जाएँ व इसके सही क्रियान्वयन हेतू अतिरिक्त RT-PCR मशीनें खरीदी जाएँ.
7. माइक्रो कन्टेनमेंट जोन के साथ-साथ कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ज्यादा संख्या में संक्रमित वाले स्थानों/मोह्ल्लों को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर प्रशासन द्वारा वहाँ कड़ाई से पालन हो.
8. प्रत्येक विधायक कोष की राशि से डीडीसी के माध्यम से ओक्सिजन एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था के लिए आदेश निर्गत किया जाए.
9. प्रशासन द्वारा जिला स्तरीय एक टीम गठित करने का आदेश निर्गत किया जाए जो यह सुनिश्चित करे कि सरकार द्वारा पारित तय दर पर (क) निजी अस्पतालों द्वारा कोविड उपचार हो (ख) एम्बुलेंस फेयर लिया जाए (ग) कोविड संबंधित जरुरी दवाएँ व इंजेक्शन रिटेलर द्वारा बेची जाए.
10. झारखण्ड सरकार द्वारा उन्हीं अधिकारियों के नम्बर जनता के साथ साझा किया जाएँ जो आम जनता का फोन उठा सकें व उनके समस्या का समाधान कर सकें. ऐसे अफसरों को इस कठिन समय में जनता के साथ संवेदना से पेश आने की जरुरी ट्रेनिंग दी जाए.
हेमंत सोरेन जी, मुझे उम्मीद है आप इन सुझावों पर गंभीरता से ध्यान देंगे व उचित निर्णय लेने की हिम्मत दिखाएँगे. यह सही समय नहीं है राजनीति करने का, और वास्तविक तौर पर इस विकट स्तिथि में आम जनता को राज्य अथवा केंद्र की राजनीति से कोई दिलचस्पी नहीं है, जनता बहुत समझदार है, उसे उचित चिकित्सकीय सुविधा से मतलब है. और इसी जनता ने राज्य की सत्ता की बागडोर आपके हाँथ में सौंपी है, मुख्यमंत्री के एक निर्देश पर पूरे राज्य की मशीनरी तुरंत काम पर लग जाती है. आपसे विनम्र आग्रह है कृपया कर इस शक्ती का सदुपयोग करते हुए राज्य में कोरोना के रोकथाम हेतू त्वरित उचित कारवाई किजिए, अधिकारियों को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतू समुचित कदम उठाने हेतू निर्देश दीजिए व जनता को राहत दिलाइए.
राँची की जनता से करबद्ध निवेदन है कि जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती कृपया अभी कुछ दिन बेवजह घर से न निकलें. मास्क, साबुन व ‘दो गज की दूरी’ का उपयोग नियमित रुप से करें. कोरोना का यह दूसरा फेज घातक साबित हो रहा है, थोड़ी कड़ाई करने में ही भलाई है.