प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 सितंबर को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी किसान मानधन योजना का शुभारंभ झारखंड की धरती से करेंगे. कार्यक्रम में करीब एक लाख से अधिक किसानों के भाग लेने की संभावना है. इस योजना के तहत किसानों का इनरालमेंट कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किया जा रहा है. राज्य में 10 हजार कॉमन सर्विस सेंटर कार्यरत हैं एवं प्रत्येक केंद्र के लिए प्रतिदिन 50 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. यह कार्य तेज़ी से संपादित हो रहा है। कार्यक्रम से पूर्व लगभग एक लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है। ये बातें संयुक्त सचिव, भारत सरकार श्री विवेक अग्रवाल ने होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित समीक्षा बैठक में कही.
अधिक से अधिक कृषकों को जोड़ने की कवायद
संयुक्त सचिव, भारत सरकार ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से किसानों को योजना से लाभान्वित करने की योजना पर कार्य हो रहा है. पहला किसानों का आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या लेकर प्रखंड स्तरीय कर्मियों के सहयोग से किसानों का फ़ॉर्म भरवाकर कॉमन सर्विस सेंटर में पंजीकृत किया जा रहा है. दूसरा जिला के उपायुक्तों द्वारा मुखिया को इस कार्यक्रम से जोड़कर किसानों को मानधन योजना से अवगत कराया एवं उन्हें जोड़ा जा रहा है. तीसरा आयुष्मान भारत के तहत लाभुकों का कार्ड बन रहा है उसी क्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लाभुकों को चिन्हित करते हुए उनका पंजीकरण मानधन योजना के तहत किए जाने के प्रक्रिया प्रारंभ की गई है साथ ही इसके लिए जिला के उपायुक्तों को निदेशित भी किया गया है. चौथे प्रक्रिया के तहत पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड के सात किसानों को मिलेगा प्रमाण पत्र
संयुक्त सचिव भारत सरकार ने कहा कि राज्य सरकार कॉमन सर्विस सेंटर से लॉगिन पासवर्ड लेकर अपने एजेंसी के माध्यम से भी किसानों का पंजीकरण इस योजना के तहत कर सकती है. इससे अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ा जा सकता है. कार्यक्रम के दौरान योजना पर लघु फ़िल्म दिखाया जाएगा. राज्य के सात किसानों को प्रधानमंत्री द्वारा सर्टिफ़िकेट दिया जाएगा.
इस अवसर पर सचिव कृषि श्रीमती पूजा सिंघल, कृषि निदेशक श्री छवि रंजन, कॉमन सर्विस सेंटर के राज्य प्रबंधक, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिनिधि, राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी ,एन आइ सी तथा अन्य विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे.