नई दिल्ली: 20 अप्रैल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 ने विश्वभर में लाखों लोगों तक पोषण पहुंचाने की व्यवस्था और खाद्य सुरक्षा को बुरी तरह प्रभावित किया है और 2030 तक भूखमरी खत्म करने की दिशा में अब तक जो प्रगति हासिल हुई थी उसके भी प्रभावित होने की आशंका है.
‘आबादी, खाद्य सुरक्षा, पोषण और टिकाऊ विकास’ विषय पर 54वें जनसंख्या एवं विकास आयोग को संबोधित करते हुए हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि भारत सरकार खाद्य सुरक्षा और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. इसकी पुष्टि बीते कुछ वर्षों में उठाए गए विभिन्न राष्ट्रीय कानूनी कदम एवं आरंभ की गईं योजनाएं करती हैं.
हर्षवर्धन ने कहा, ”जनसंख्या, खाद्य सुरक्षा, पोषण और टिकाऊ विकास का विषय हमेशा ही बहुत महत्वपूर्ण रहता है. लेकिन हाल के दिनों में इसका महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौतियों से निबटते हुए विश्व पुनर्निर्माण की जिद्दोजहद में लगा हुआ है.”
उन्होंने कहा, ” वैश्विक महामारी कोविड-19 ने विश्वभर में लाखों लोगों तक पोषण पहुंचाने की व्यवस्था और खाद्य सुरक्षा को बुरी तरह प्रभावित किया है और 2030 तक भूखमरी खत्म करने की दिशा में अब तक जो प्रगति की गई थी, उसके भी प्रभावित होने की आशंका है.”
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने आजीविकाओं को तबाह कर दिया, अन्याय और असमानता को बढ़ा दिया है तथा इससे दशकों के प्रयासों के बाद हासिल विकास प्रक्रिया को खतरा है.
हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को काबू में करने के प्रयासों के बीच भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए ”ठोस कदम” उठाए हैं कि खाद्य सुरक्षा एवं पोषण सेवा प्रभावित नहीं हो और ऐसे अभूतपूर्व समय में किसान, दिहाड़ी कामगार, महिलाएं, स्वयं सहायता समूह और गरीब वरिष्ठ नागरिकों तक आवश्यक मदद पहुंचती रहे.
उन्होंने भारत द्वारा दिए गए राहत पैकेज और सरकार के अन्य सहायता कार्यक्रमों का जिक्र