नई दिल्ली:- देशभर में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण कई मरीजों का ना तो ठीक से इलाज हो रहा है और ना ही अस्पताल में बेड मिल पा रहा है. उत्तरप्रदेश में स्थिति तो और भी बदतर हो चुकी है. आम आदमी तो छोड़िए, बड़े बड़े शख्सियतों, मंत्री और विधायकों को भी ना तो एम्बुलेंस मिल पा रहा है और ना ही अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. इतना ही नहीं जब अस्पताल में बेड की गुहार लगाने के लिए यूपी के अधिकारियों को फ़ोन लगाया जाता है तो सहानुभूति की जगह लोगों को दुत्कार दिया जाता है.
ऐसा ही कुछ प्रसिद्ध कवि और सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले कवि कुमार विश्वास के साथ हुआ. कुमार विश्वास इन दिनों कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए सोशल मीडिया पर लोगों से अपील भी कर रहे हैं और कई बार जरुरत पड़ने पर वरीय अधिकारी को फ़ोन भी लगा रहे हैं.
मंगलवार को जब कवि कुमार विश्वास ने एक कोरोना मरीज को बेड दिलाने के लिए यूपी के आईएएस अधिकारी को फ़ोन किया तो अधिकारी ने उन्हें बेहद ही बेरुखे अंदाज में कहा कि आप कवि हैं, कवि रहिए और सरकार को अपना काम करने दीजिए.कुमार विश्वास ने अपने साथ हुई इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर भी शेयर की है. कुमार विश्वास ने ट्विटर पर लिखा कि मदद/आपूर्ति का संतुलन बिगड़ रहा है. आज UP के एक IAS ने फ़ोन पर कहा “कौन हैं आप? MP हैं,मंत्री हैं या मेरे सीनियर हैं जो मैं आपके बताए मरीज को बेड दिलाऊँ? कवि हैं कवि रहिए,किसे बेड देना है किसे नहीं सरकार को पता है”. आगे विश्वास ने लिखा कि ख़ैर मरीज को बेड तो किसी से दिला दिया पर उनकी मजबूरी भी जायज़ है.
इसके अलावा कुमार विश्वास ने लिखा कि उनकी गलती नहीं, वे तो मशीन का बस एक पुर्ज़ा हैं. जब मशीन ही ठप्प हो गई तो पुर्ज़े के खड़खड़ाने का क्या रंज. दिनभर कॉल करने पर लोग, डॉक्टर, अधिकारी, समाजसेवी मदद कर ही रहे हैं. कभी-कभी किसी को बचा नहीं पाते तो उस दिन ख़ुद की बेबसी पर ग़ुस्सा-तरस आता है.