बीजिंग: ताइवान और हांगकांग में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों को लेकर अमेरिका और सहयोगी देश चीन पर दबाव बढ़ा रहे हैं.चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में ‘रौब जमाना’ और ‘हस्तक्षेप करना’ सही नहीं है और न ही इसे सहन किया जाएगा. शी ने अमेरिका का सीधे तौर पर उल्लेख किए बिना कहा, ”दूसरों के आंतरिक मामलों में रौब जमाने या हस्तक्षेप करने का कोई समर्थन नहीं करेगा.
हमें शांति, विकास, समानता, न्याय, लोकतंत्र और स्वतंत्रता की वकालत करनी चाहिए जो मानवता के साझा मूल्य हैं और मानव सभ्यता की प्रगति को बढ़ाने के लिए सभ्यताओं के बीच परस्पर आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना जरूरी है.” चीनी राष्ट्रपति ने हैनान स्थित प्रभावशाली थिंकटैंक बाओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) में वार्षिक संवाद को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए कहा, ”आज की दुनिया में हमें न्याय की जरूरत है, अधिपत्य की नहीं.” उन्होंने कहा, ”बड़े देशों को इस तरह का बर्ताव करना चाहिए जो उनके कद के मुताबिक हो और जिसमें जिम्मेदारी की महती भावना हो.”
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू की गयी चीन पर पाबंदी संबंधी एक नीति को पुरजोर तरीके से जारी रखा है. बाइडन ने अपनी चीन संबंधी नीति को लेकर ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और जापान जैसे सहयोगियों को एकजुट किया है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान तथा भारत के चतुष्कोणीय समूह (क्वाड) की पहली शिखरवार्ता भी आयोजित की.अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और कनाडा ने शिनझियांग में उइघर मुस्लिमों के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर चीन पर समन्वित प्रतिबंध लगाये हैं. हालांकि चीन इस तरह के आरोपों को खारिज करता रहा है.