बीएनएन डेस्क : विश्व मामलों की भारतीय परिषद और चाइनीज पीपुल्स इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन अफेयर्स के डिजिटल संवाद को 15 अप्रैल को संबोधित करते हुए चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने LAC पर शांति कायम रखने के महत्व के बारे में दोनों पक्षों के नेताओं के बीच बनी “महत्वपूर्ण सहमति” की अनदेखी करने वाले चीनी अधिकारियों से सवाल किया. अपने लंबे भाषण में, मिसरी ने कहा कि अन्य देशों के साथ समझौतों के बिना कोई भी देश अपने लिए एजेंडा नहीं तय कर सकता है. वह जाहिर तौर पर चीन के ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) और उसकी प्रमुख परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का जिक्र कर रहे थे, जिस पर भारत ने चिंता जताई है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.
साथ ही भारत ने चीन से कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने के लिए नेताओं के बीच बनी आम सहमति के महत्व को “छिपाया नहीं जा सकता.” इसके साथ ही भारत ने आह्वान किया कि जनमत पर काफी असर डालने वाली “गंभीर घटनाओं” से प्रभावित द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की पूर्ण वापसी होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि एक बहु-ध्रुवीय दुनिया में, कोई भी देश बिना किसी पूर्व समझौते और परामर्श के अपना एजेंडा नहीं तय कर सकता है और यह उम्मीद नहीं कर सकता कि सभी लोग सहमत होंगे. कोई भी देश यह उम्मीद नहीं कर सकता कि सिर्फ उसके हितों से जुड़े मुद्दों पर ही चर्चा हो और अन्य द्वारा उठाए गए मुद्दों व चिंताओं की अनदेखी की जाए. अच्छे रिश्ते के संबंध में दोनों देशों के नेताओं के बीच आम सहमति के बारे में उन्होंने कहा, “चीन में दोस्तों द्वारा अक्सर इसका जिक्र किया गया है कि हमें अपने नेताओं के बीच बनी आम सहमति पर कायम रहना चाहिए. मेरा उससे कोई विवाद नहीं है.”
भारतीय राजदूत ने कहा, ”वास्तव में, मैं पूरे दिल से सहमत हूं. साथ ही, मुझे यह रेखांकित करना चाहिए कि अतीत में भी हमारे नेताओं के बीच समान रूप से महत्वपूर्ण सहमति बनी है, उदाहरण के लिए, मैंने शांति कायम रखने के महत्व पर बनी आम सहमति का संदर्भ दिया है, और साथ ही उस सहमति पर कायम रहना भी महत्वपूर्ण है.” उन्होंने कहा, ”हमने कुछ तबकों में इसे छिपाने और इसे सिर्फ एक मामूली समस्या और दृष्टिकोण के तौर पर चिह्नित करने की प्रवृत्ति देखी है. यह भी अनुचित है क्योंकि यह हमें मौजूदा कठिनाइयों के स्थायी हल से दूर ले जा सकती है और एक गहरे गतिरोध की ओर पहुंचा सकती है.”