नई दिल्ली : बांग्ला भाषा के जाने माने कवि शंख घोष के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक प्रकट किया और कहा कि बांग्ला तथा भारतीय साहित्य के प्रति उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद 89 वर्षीय घोष का बुधवार की सुबह कोलकाता में निधन हो गया.
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘बांग्ला और भारतीय साहित्य में योगदान के लिए शंख घोष को हमेशा याद किया जाएगा. उनकी कृतियों को खूब पढ़ा जाता था और उनकी सराहना भी की जाती थी. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिजनों और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं.’
घोष को रवींद्र नाथ टैगोर की साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाने वाला रचनाकार माना जाता है. विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रखने वाले घोष को 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और 2016 में प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा गया. पुस्तक ‘बाबरेर प्रार्थना’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिला.