लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अकेले ही मैदान में उतरने का फैसला किया है. मायावती ने शुक्रवार की सुबह एक ट्वीट कर कहा, “बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, जिसके हिसाब से हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में दुष्यन्त चौटाला की पार्टी से जो समझौता किया था, वह सीटों की संख्या व उसके आपसी बंटवारे के मामले में उनके अनुचित रवैये के कारण बीएसपी हरियाणा यूनिट के सुझाव पर आज समाप्त कर दिया गया है. ”
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पार्टी हाईकमान ने यह फैसला किया है कि हरियाणा प्रदेश में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में अब बसपा अपनी पूरी तैयारी के साथ अकेले ही यहां सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
ज्ञात हो कि हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच बताया जा रहा है. क्षेत्रीय पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) पहले ही दो फाड़ हो चुकी है. इसी से अलग होकर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पौते दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (जजपा) का गठन किया है. जजपा के साथ मायावती ने गठबंधन किया था, लेकिन अब उन्होंने इसे तोड़ने की घोषणा की है.
पिछले माह नई दिल्ली में बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने संयुक्त रूप से इस गठबंधन का एलान किया था. तब सभी सीटें भी तय हो गई थी. इसके अनुसार 50 सीटों पर बसपा और 40 सीटों पर जजपा ने चुनाव लड़ने का फैसला किया था.