लक्षद्वीप,गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटका समेत 7 राज्यों में ताऊ ते चक्रवात का असर पड़ेगा. मौसम विभाग ने कुछ राज्यों में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है. 2021 में आने वाले इस पहले चक्रवात को ‘ताऊ ते’ नाम दिया गया है. इसका असर अगले तीन से चार दिन तक रहेगा.
इस चक्रवात काे ताऊ ते नाम किसने दिया और इसका क्या मतलब होता है? तूफान का नामांकरण कैसे होता है? ताऊ ते कब-कहां पहुंचेगा? आइए जानते हैं…
‘ताऊ ते’ नाम किसने दिया और इसका क्या मतलब होता है?
ताऊ ते का मतलब होता है ‘गेको’ जो बर्मी भाषा में एक हिंसक छिपकली की प्रजाति है। इस बार चक्रवात को ये नाम म्यांमार ने दिया है।
चक्रवात का नामांकरण क्षेत्र के देशों द्वारा रोटेशन के आधार पर दिए जाते हैं। एशिया पैसिफिक क्षेत्र में 13 देश शामिल हैं जो इन चक्रवातों का नाम तय करते हैं।
इन देशों में भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं।
ताऊ ते कब-कहां पहुंचेगा?
मौसम विभाग के मुताबिक 18 मई को गुजरात के तट पर इसके पहुंचने का अनुमान है। 18 मई की दोपहर या शाम तक ये चक्रवात पोरबंदर और नालिया से गुजर सकता है। अगले चार दिन तक इसका असर देश के कई राज्यों में दिखाई देगा।
चक्रवात का असर पश्चिमी राजस्थान पर भी पड़ेगा। इसके चलते 18 और 19 मई को पश्चिम राजस्थान के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग 24 घंटे के भीतर 64.5 मिलीमीटर से लेकर 115.5 मिलीमीटर तक की बारिश को भारी, वहीं 115.6 मिलीमीटर से लेकर 204.4 मिलीमीटर तक बारिश को बहुत भारी बारिश कहता है।
चक्रवात के असर वाले इलाकों में आज 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक से हवाएं चल सकती हैं। वहीं, कल और 18 मई को कई जगहों पर 150 से 175 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।