टूलकिट मूल रूप से यह किसी भी आंदोलन या एजेंडे को ऑनलाइन या ऑफलाइन कैसे चलानी है. स्टेप बाय स्टेप कौन कौन से काम किस तरह से करना है इसकी प्लानिंग भर होती है.
जब इंटरनेट और मोबाइलों का जमाना नहीं था, तब आंदोलन में हिस्सा लेने वाले डायरी में प्लानिंग लिख लिया करते थे. मसलन कहां जमा होंगे, क्या नारे लगाएंगे, किस बात पर सबसे ज्यादा जोर रहेगा आदि.
तकनीक बदली तो अब यह एजेंडों की प्लानिंग गूगल डॉक पर शुरू हुई. इससे सहूलियत यह हो गई कि अपने किसी भी साथी को इस डॉक में कुछ भी जोड़ने-घटाने की सुविधा दी जा सकती है. वह भी रियल टाइम में.
क्या है कांग्रेस टूलकिट
कुछ दिनों से विवादों में आया “कांग्रेस टूलकिट” क्या है? आइये जानते है इसके बारे में.
भाजपा ने यह टूलकिट साझा करते हुए कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी और देश की छवि का नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. वहीं कांग्रेस ने इस टूलकिट को फर्जी बताया है और मामले में FIR भी दर्ज कराई है. आइये जानते है पूरा मामला क्या है,
टूलकिट में क्या कहा गया?
भाजपा के कई नेताओं ने ट्विटर पर एक टूलकिट साझा की थी जिसमें कांग्रेस के लेटरपैड पर महामारी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री और सरकार को घेरने के तरीके बताए गए हैं. इसमें मोदी की छवि को खराब करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सहायता लेने और नए म्यूटेंट स्ट्रेन को ‘भारतीय स्ट्रेन’ कहने को कहा गया है. वहीं सोशल मीडिया पर इसके लिए ‘मोदी स्ट्रेन’ नाम उपयोग करने की सलाह दी गई है.
टूलकिट में कुंभ को सुपर स्प्रेडर बताने को कहा गया
टूलकिट में महाकुंभ को कोरोना संक्रमण पर सरकार को घेरने के तरीके भी बताए गए हैं.
इसमें कहा गया है कि हमेशा ‘सुपर स्प्रेडर कुंभ’ शब्द का इस्तेमाल करना है ताकि लोगों को याद रहे कि इतनी परेशानी भाजपा की हिंदी राजनीति की वजह से हो रही है. इसमें पार्टी समर्थकों से सोशल मीडिया पर तस्वीरों के जरिए कुंभ को धर्म के नाम पर राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन और ईद को खुशहाल सामाजिक सभा बताने को भी कहा गया है.
सेंट्रल विस्टा को कहें ‘मोदी का निजी घर’-
टूलकिट में यह भी कहा गया है कि इस संकट के बावजूद प्रधानमंत्री की अप्रूवल रेटिंग कम नहीं हुई है और यह उनकी छवि को बर्बाद करने और लोकप्रियता को खत्म करने का समय है. इसके लिए मोदी या भाजपा समर्थक जैसे दिखने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स से मोदी की आलोचना करने और मीडिया की सहायता लेने को कहा गया है. 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा परियोजना को ‘मोदी का निजी घर’ कहने की सलाह भी दी गई है.
टूलकिट में PM-केयर्स फंड का भी जिक्र
टूलकिट में पूर्व अधिकारियों के जरिए PM-केयर्स फंड पर सवाल खड़े करवाने, इसके खिलाफ RTI डलवाने और किसी हस्ती के इसमें दान करने पर उसे निशाना बनाने को कहा गया है. गुजरात को ज्यादा वैक्सीन मिलने पर सवाल खड़े की सलाह भी दी गई है.
भाजपा ने टूलकिट पर क्या कहा?
इस टूलकिट को सर्वप्रथम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइजर’ में पब्लिश किया गया था. जिसके बाद से कई भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री इस पर सवाल उठा चुके हैं.
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस मोदी की बुराई करने में इतनी अंधी हो गई है कि देश की बुराई ने लगी है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि समाज को बांटने और दूसरे के खिलाफ जगह उगलने में कांग्रेस निपुण है.
कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया?
कांग्रेस ने इस टूलकिट को फेक बताया है साथ ही BJP पर उसके लेटरपैड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया है.कांग्रेस ने मामले में नड्डा और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है.
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने कहा कि जब देश कोविड से तहस-नहस हुआ पड़ा है, तब भाजपा राहत प्रदान करने की बजाय फेक न्यूज फैलाने में लगी हुई है. वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भाजपा को ‘बिल्कुल झूठ पार्टी’ कहा है.