रांची : संशोधित मोटरयान व्हीकल्स एक्ट के खिलाफ झाविमो ने भी मोर्चा खोल दिया है. पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर केंद्र और झारखंड सरकार पर तेज हमला किया है. मरांडी ने कहा है कि सरकार इस कानून को लागू कर डाका डाल रही है, यह शरीर में सिरिंज लगाकर खून निकालने जैसा है. इस एक्ट से सभी परेशान हैं. राजस्थान, मध्यप्रदेश व पश्चिम बंगाल ने इस कानून को नहीं माना है, लेकिन बीजेपी शासित राज्य गुजरात ने भी इस कानून को लागू नहीं किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस राज्य से आते हैं. अब कोई गरीब रोजगार के लिए वाहन खरीदता है तो उस वाहन का जितना वैल्यू नहीं है, उससे अधिक जुर्माना देना पड़ रहा है. यह बिल सुधारने के लिए नहीं बल्कि करप्शन को बढ़ावा देने के लिए है.
अविलंब वापस ले सरकार
बाबूलाल ने कहा कि सरकार इस बिल को अविलंब वापस ले. नोटबंदी और जीएसटी से काम नहीं चला तो अब इस बिल के जरीए गरीबों की खून चूसी जा रही है. यह बिल लाकर पूरी तरह से आतंक का माहौल पैदा कर दिया गया है. झारखंड सरकार को तो बात करनी चाहिए कि जब गुजरात ने इस बिल को नहीं माना तो झारखंड क्यों माने. अगर सरकार दो दिनों के अंदर बिल वापस नहीं लिया तो 11 सितंबर को पूरे प्रदेश में इस बिल के खिलाफ विरोध-प्रर्दशन किया जाएगा.
बाबूलाल ने सरकार को सुझाए उपाए
प्रेस कांफ्रेंस में बाबूलाल ने सरकार को सुधारने के उपाए भी सुझाए. कहा कि अगर सरकार सुधारना ही चाहती है तो हर चौक-चौराहों में एलआइसी कंपनी के प्रतिनिधियों को बिठाएं, ताकि इंश्योरेंस हो सके. इसके लिए एक समय सीमा भी दें. वहीं प्रदूषण जांच मशीन भी चौक-चौराहों में लगाएं, इससे लोगों को सहुलियत भी होगी.
शिलान्यास में कर दिए 9 करोड़ रुपए खर्च
बाबूलाल ने कहा कि गंगानदी में साहेबगंज-मनिहारी पुल बनवाना मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट था. मेरे कार्यकाल में इसका डीपीआर भी बना था, लेकिन दो साल पहले पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया. अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है. शिलान्यास कार्यक्रम में 9 करोड़ रुपए भी खर्च हो गए. नए सचिवालय और विधानसभा भवन के मामले में कहा कि वहां के विस्थापितों को थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी में प्राथमिकता मिलनी चाहिए.