Solar Storm / सौर तूफान
Solar Storm / सोलर स्टॉर्म/ सौर तूफान, सूर्य की सतह से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी होती है। सूरज के सतह और उसके आसपास छोटे छोटे सोलर स्टॉर्म आते ही रहते हैं लेकिन कभी कभी यह स्ट्रोम इतने शक्तिशाली होते हैं कि ये पृथवी के करीब तक पहुंच जाते है।
हालांकि इससे घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। पृथवी की आंतरिक चुम्बकीय शक्ति एक सुरक्षाकवच की तरह काम करती है और इसी कारण हमें सोलर स्टॉर्म से नुकसान होने की संभावना बेहद कम है। बहुत से लोगों को तो पता भी नहीं चलेगा कि कब स्टॉर्म आया और कब गया।
यह स्टॉर्म एक तरह का अदृश्य चुम्बकीय ऊर्जा है। इसे हम नंगी आंखों से नहीं देख सकते और न ही महसूस कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार सूरज की सतह से पैदा हुआ शक्तिशाली सौर तूफान 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दिनों में पृथ्वी पर ऐसे ही कई सोलर स्टॉर्म देखने को मिलेंगे। फिलहाल तो अधिकतर लोग इससे बेख़बर होते हैं, लेकिन उनके जीवन पर भी इसका असर पड़ता है। इस जबरदस्त अदृश्य एनर्जी में इतनी ताकत होती है कि इससे इंसानी गतिविधियां भी प्रभावित हो सकती हैं। पृथ्वी पर इन सोलर स्टॉर्म की वजह से पावर ग्रिड और कम्युनिकेशन चैनलों पर भी असर पड़ने की संभावना है।
यह सौर तूफान रविवार या सोमवार को किसी भी समय पृथ्वी से टकरा सकता है।
ध्रुवों पर दिखेगी रात में तेज रोशनी
एक वेबसाइट के अनुसार, सूरज के वायुमंडल से पैदा हुए इस सौर तूफान के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभुत्व वाले अंतरिक्ष का एक क्षेत्र में काफी प्रभाव देखने को मिल सकता है। उत्तरी या दक्षिणी अक्षांशों पर रहने वाले लोग रात में सुंदर आरोरा देखने की उम्मीद कर सकते हैं। ध्रुवों के नजदीक आसमान में रात के समय दिखने वाली चमकीली रोशनी को आरोरा कहते हैं।
पृथ्वी पर क्या होगा असर?
सौर तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल गरमा सकता है जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर हो सकता है। इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है। पावर लाइन्स में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है।
1989 में भी आया था सोलर स्टॉर्म
वर्ष 1989 में आए सौर तूफान की वजह से कनाडा के क्यूबेक शहर में 12 घंटे के के लिए बिजली गुल हो गई थी। इससे पहले तरह वर्ष 1859 में आए चर्चित सबसे शक्तिशाली जिओमैग्नेटिक तूफान ने यूरोप और अमेरिका में टेलिग्राफ नेटवर्क को तबाह कर दिया था।
क्या करें क्या न करें
1. हालांकि सोलर स्टॉर्म के खिलाफ पृथवी के पास एक अपना सुरक्षाकवच है जिसे हम पृथवी की चुम्बकीय शक्ति के रूप में जानते है। फिर भी सावधानी के तौर पर आप यह उपाय कर सकते है।
2. सोलर स्टॉर्म के समय में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मोबाइल, लैपटॉप, टेलव्विशन, घड़ी, इत्यादि का इस्तेमाल कम करें या संभव हो तो न करें।
3. घर में सभी बिजली के उपकरण बंद रखे या संभव हो तो घर के मेन स्विच को बंद रखें।
4. अगर घर में छत पर एंटीना है तो टी वी से एंटीना का कनेक्शन हटा निकाल दें।
5. रेडियो, का भी इस्तेमाल न करें।
5. इन्वर्टर और सोलर एनर्जी सिस्टम्स को भी बंद करके रखें।
6. धूप में घर से बाहर न निकलें।
7. बैटरी वाले गैजेट्स से भी दूरी बना कर रखें।