नई दिल्ली.आज ही के दिन 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दोषियों सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी दी गई थी. इंदिरा गांधी के दो बॉडीगार्ड्स, बेअंत सिंह और सतवंत सिंह, ने 31 अक्टूबर 1984 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी. ये दोनों इंदिरा द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से कथित तौर पर नाराज थे.
इस हत्याकांड में एक तीसरा शख्स भी शामिल था, जिसका नाम था केहर सिंह. केहर, हालांकि, इंदिरा पर गोली चलाने में शामिल नहीं था, लेकिन उसे इस हत्या के साजिश रचने का दोषी पाया गया था. बेअंत सिंह को इंदिरा पर गोलियां चलाने के बाद उनके सुरक्षाकर्मियों ने वहीं ढेर कर दिया था.
इंदिरा के दो बॉडीगार्ड्स ने की थी उनकी हत्या
31 अक्टूबर 1984 को सुबह करीब 9 बजे इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री कार्यालय से बाहर निकलीं. इंदिरा गांधी अधिकारियों से चर्चा कर रही थीं. तभी अचानक उनकी सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी गार्ड बेअंत सिंह ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से इंदिरा गांधी पर तीन गोलियां चलाईं.
बेअंत सिंह ने उनसे थोड़ी ही दूर पर खड़े सतवंत सिंह से चिल्लाकर कहा- ‘देख क्या रहे हो? गोली चलाओ.’ सतवंत ने तुरंत अपनी ऑटोमैटिक कार्बाइन की सभी 25 गोलियां इंदिरा गांधी के ऊपर चला दीं. गोली लगने के बाद इंदिरा को तुरंत एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया गया, करीब 4 घंटे बाद दोपहर 2 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
इंदिरा पर गोलियां चलाने के बाद बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को अन्य सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया. इस दौरान भागने की कोशिश में बेअंत सिंह मारा गया. सतवंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.
इंदिरा गांधी के हत्यारे उनसे कथित तौर पर ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेना चाहते थे. सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सेना की मदद से इंदिरा द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में सैकड़ों लोग मारे गए थे.
केहर सिंह, सतवंत सिंह को दी गई फांसी की सजा
सतवंत के साथ ही इंदिरा की हत्या की साजिश रचने वाले केहर सिंह और बलवंत सिंह पर भी मुकदमा चला. हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में बलवंत सिंह रिहा हो गया, लेकिन अदालत ने इंदिरा पर गोलियां चलाने वाले सतवंत सिंह और साजिश रचने वाले केहर सिंह को उनकी हत्या का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई.
इंदिरा की मौत के करीब 5 साल बाद सतवंत सिंह (54 साल) और केहर सिंह (26 साल) को 6 जनवरी 1989 को तिहाड़ जेल में फांसी की दे दी गई. फांसी के बाद दोनों के शव उनके परिजनों को भी नहीं दिए गए और जेल प्रशासन ने ही उनका अंतिम संस्कार किया.
भारत और दुनिया में 6 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :
2020ः पुरुषों के साथ बलात्कार करने वाले इंडोनेशियाई नागरिक रिनहार्ड सिनागा को ब्रिटेन की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई.
2012: सीरिया की राजधानी दमिश्क में आत्मघाती हमले में 26 लोगों की मौत, 63 घायल हुए.
2010: नई दिल्ली में यमुना बैंक-आनंद विहार सेक्शन की मेट्रो का परिचालन शुरू हुआ.
2007: उत्तर प्रदेश के हिन्दी संस्थान की ओर से साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों के तहत 2007 के भारत भारती सम्मान केदारनाथ सिंह को प्रदान करने की घोषणा हुई.
2003: रूस ने संयुक्त राष्ट्र से बिना अनुमति लिए इराक के खिलाफ सैनिक कार्रवाई पर अमेरिका को चेतावनी दी.
2002: बांग्लादेश की मुद्रा से पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीब का चित्र हटाया गया.
1983: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पहली बार आंध्र प्रदेश और कर्नाटक विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा.
1980: सातवें लोक सभा चुनाव में इंदिरा गांधी की नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिला.
1976: चीन ने लोपनोर क्षेत्र में परमाणु परीक्षण किया.
1950: ब्रिटेन ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता प्रदान की.
1947: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी ने भारत का विभाजन स्वीकार किया.
1929: मदर टेरेसा भारत में उपेक्षित और गरीब लोगों की सेवा करने के लिए कलकत्ता (अब कोलकाता) लौटीं.
1664: छत्रपति शिवाजी महाराज ने सूरत पर हमला किया.