नई दिल्ली.प्रवर्तन निदेशालय (ED) के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को भाजपा से टिकट मिल सकता है. सूत्रों के अनुसार उनके वीआरएस (वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम) के अनुरोध को विभाग ने स्वीकार कर लिया है.
उन्होंने छह महीने पहले विभाग से वीआरएस देने का अनुरोध किया था. वीआरएस के लिए आवेदन के वक्त राजेश्वर ईडी लखनऊ जोन के संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत थे. उनकी गिनती सुपरकॉप में होती है.अब उन्हें वीआरएस की अनुमति दे दी गई है.
राजेश्वर ने जब वीआरएस के लिए अनुरोध किया था तभी से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें थीं। उन्होंने अब तक कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है.
2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर वह ईडी में शामिल हुए थे। उन्हें 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था.
मूल रूप से वह यूपी के सुल्तानपुर जिले के पखरौली के रहने वाले हैं.सिंह उत्तर प्रदेश काडर के प्रोविजनल पुलिस सर्विस (पीपीएस) ऑफिसर हैं.ईडी में उनकी पारी की शुरुआत से उन्हें हाई प्रोफाइल केसों पर काम करने का मौका मिला.एक समय था कि जब उनके कामकाज के तरीके ने मंत्रियों और कॉरपोरेट की नींद उड़ा दी थी.
सहारा मामले से सुर्खियों में आए
2011 राजेश्वर सिंह के खिलाफ अलग-अलग मंत्रालयों और सरकारी निकायों के समक्ष लगभग 50 एक जैसी शिकायतें दर्ज की गईं.
उन पर आय से अधिक संपत्ति के मामले के भी आरोप लगे.मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा हालांकि, सिंह इनका डटकर मुकाबला करते रहे.
उसी साल मई 2011 में सिंह ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय, पत्रकार उपेंद्र राय और सुबोध जैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
एयरसेल-मैक्सिस डील में जब फंस गए चिदंबरम
राजेश्वर सिंह से जुड़ा दूसरा बड़ा मामला एयरसेल-मैक्सिस डील की जांच का है। उन्होंने इस सौदे को हरी झंडी देने के लिए तब के वित्त मंत्री चिदंबरम पर शिकंजा कसा था
एजुकेशन बैकग्राउंड
सिंह के पास बी. टेक की डिग्री है.उन्होंने पुलिस, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय विषय में पीएचडी की है.वह 1996 बैच के यूपी के पीपीएस अधिकारी के साथ ही यूपी पुलिस के अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं. उनकी बहन आभा सिंह, जो मुंबई में एक प्रैक्टिसिंग वकील हैं, ने उनके संभावित कदम की सराहना करते हुए कहा कि देश को उनकी जरूरत है. राजेश्वर सिंह की शादी आईपीएस लक्ष्मी सिंह से हुई है.