◆ एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति से प्रदेश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है. एक्टिव केस की कुल संख्या वर्तमान में 25,974 है. इनमें 25,445 लोग होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. बहुत कम संख्या में लोगों को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है. यह संक्रमण कम तीव्रता वाला है, अतः इसके लक्षण दिखने पर सामान्य मरीज होम आइसोलेशन में रहकर चिकित्सक की सलाह से अपना इलाज कर सकता है. यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है. अतः इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं.
◆ कोविड की बदलती परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के “सभी जनपदों” में रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू प्रभावी किया जाए. इसके अतिरिक्त, सभी शिक्षण संस्थानों में आगामी 16 जनवरी तक भौतिक रूप से पठन-पाठन स्थगित रखा जाए. केवल ऑनलाइन मोड में पढ़ाई हो. इस अवधि में पूर्व निर्धारित परीक्षाएं आयोजित की जा सकेंगी.
◆ प्रदेश में अब तक 13 करोड़ 39 लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 07 करोड़ 85 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं. विगत दिवस तक 15 से 18 आयु वर्ग के 21 लाख 54 हजार से अधिक किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है. टीके की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए. माध्यमिक विद्यालयों में विशेष शिविर लगाए जाएं. 15 जनवरी तक 15-18 आयु वर्ग के 100 फीसदी किशोरों को टीके की पहली डोज जरूर प्राप्त हो जाए.
◆ विगत 24 घंटों में 02 लाख 22 हजार 974 कोरोना टेस्ट किये गये, जिसमें 7695 नए कोरोना पॉजिविट पाए गये. इसी अवधि में 253 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए. सावधानी और सतर्कता ही कोविड नियंत्रण का आधार है. संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं. मास्क के प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन इत्यादि से इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.
◆ निगरानी समितियां और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को पूर्णतः सक्रिय किया जाए. होम आइसोलेशन, निगरानी समितियों से संवाद, एम्बुलेंस की जरूरत और टेलिकन्सल्टेशन क लिए पृथक-पृथक नम्बर जारी किए जाएं. जनपदीय आईसीसीसी में चिकित्सकों का पैनल तैनात करते हुए लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए. कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए.
◆ सरकार द्वारा 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन दिया जा रहा है, किंतु यदि किसी के पास राशन कार्ड भी नहीं है तो उन्हें दोनों समय फ़ूड पैकेट उपलब्ध कराए जाएं. कोविड के पिछले अनुभवों के आधार पर सामुदायिक भोजनालयों का संचालन शुरू कराया जाए.
◆ निराश्रित लोगों, अकेले रह रहे बुजुर्ग जनों, दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाए. ऐसे व्यक्ति यदि संक्रमित होते हैं तो उनके साथ अतिरिक्त संवेदनशीलता का भाव रखा जाए. पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम इनके समुचित इलाज, भोजन आदि की व्यवस्था जरूर करे. ठंड के दृष्टिगत रैन बसेरों में समुचित प्रबंध रखे जाएं.
◆ जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखें उन्हें होम आइसोलेशन में रखते हुए इलाज किया जाए और उनकी निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए. को-मॉर्बिड मरीजों, बुजुर्गाें और बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, यदि वे संक्रमित हों तो उनके इलाज की प्रक्रिया की सतत मॉनीटरिंग हो. उन्हें तत्काल मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए.
◆ निगरानी समितियां अपना कार्य प्रभावी ढंग से करें. गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डाें में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें. निगरानी समितियां घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सके.