वीरेन्द्र राउत
रांची : प्रदेश कांग्रेस में वार और पलटवार अब तक जारी है. रामेश्वर उरांव के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अब फिर से पार्टी के अंदर खींचतान शुरू हो गई है. कई वरीय नेताओं ने चुपचाप अपना विरोध शुरू कर दिया है. अंदरखाने की खबर यह है कि डॉ अजय कुमार, सुबोधकांत सहाय, सुखदेव भगत के गुट के नेता रामेश्वर उरांव को अपना नेता मानने से भी इंकार कर रहे है. इस मामले में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बताया कि हाई कमान ने जिसे प्रदेश की कामन सौंपी है वही हमारे नेता हैं. हम विधानसभा चुनाव की तैयारी रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में जेएमएम, जेवीएम गठबंधन के साथ लडे़ंगे. फिलहाल सीट तय नहीं हुई है,और गठबंधन का नेता तय नहीं हुआ है. वहीं विधायक सह पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने बताया कि विधानसभा चुनाव को लेकर शीर्ष नेतृत्व के आदेश का पालन किया जायेगा.
प्रदेश स्तरीय नेताओं की अबतक बैठक नहीं
वहीं रामेश्वर उरांव को 26 अगस्त को कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश की कमान सौंपी थी. इसके बाद से अबतक उन्होंने प्रदेश के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक नहीं बुलायी है. प्रदेश के सभी शीर्ष नेता आला कमान की ओर टक-टकी लगाये बैठे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रामेश्वर उरांव प्रदेश कांग्रेस के भीतर चल रहे अंतर्कलह को कैसे शान्त कर विधानसभा में पार्टी को बड़ी जीत दिला पाते हैं. आलमगीर आलम ने एक सवाल के जवाब में बताया कि रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने से मैं खुश हूं या नहीं, इसपर मुझे खेद प्रकट करने का हक नहीं है, पर पार्टी हाई कमान जो तय करती है उसे हम सभी स्वीकार कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि रामेश्वर उरांव को प्रदेश अध्यक्ष बने-दो तीन दिन हुआ है, और प्रदेश कमिटी के गठन में दो-तीन माह का समय लगता है. फिलहाल जो पुरानी प्रदेश कमिटी है उसे ही ढाल बनाकर कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव लडे़गी और बीजेपी के 65 पार के रथ को रोकेगी.
सितंबर के अंत तक गठबंधन के नेताओं का स्वरूप होगा तय
वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने बताया कि सितंबर के अंत तक गठबंधन के नेता, सीट और नेतृत्वकर्ता का स्वरूप तय हो जाएगा. पार्टी गठबंधन धर्म के साथ आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार है.