Dhanbad: झरिया कोयलांचल में एक दिवार ऐसी है जो नेक काम करती है. उसका कहना है कि नेकी करनी हो तो दिवार पर टांग . जिस किसी को नेकी करनी होती है वो अपने घर के नये पुराने ढंग के वस्त्र गर्म कपडे वहां लाकर टांग जाता है और जिसे जरूरत होती है वो ले जाता है. धनबाद जिला के झरिया में है यह “नेकी की दिवार’’. जी हाँ यह नेकी की दिवार एक कल्पवृक्ष के सामान है जहाँ से जरुरतमंदों को वस्त्र मिलते है, वो भी निःशुल्क. नेकी की दिवार वो जगह है जहाँ न तो देने वाले का नाम लिखा है न लेने वाले का ब्यौरा. एक नेकी की दिवार जहाँ सब भगवान के बन्दे है. जिनके पास ज्यादा है वो नेकी की दिवार पर जरूरत से जो कपडे ज्यादा है उन्हें घरों से लाकर टांग जाते है, और जिनके के पास जरूरत भर नहीं है वो वहां से ले जाते है. न देने वाले को पता की किसे दिया है, न लेने वाले को पता की कौन दे गया है. देने वाला अपना परलोक सुधार रहा तो लेने वाला इसलोक को.
झरिया के राजा तालाब के समीप मैन रोड पर स्थित केसी गर्ल्स हाई स्कूल की दिवार पर है ये नेकी की दिवार. इसकी शुरुआत लाइफ संस्था के सचिव डॉक्टर मनोज सिंह व यूथ कांसेप्ट के सचिव अख्लाक अहमद ने नवम्बर २०१७ में की थी. तब से आज तक यह दिवार नेकी कर रही है. डॉक्टर मनोज व अख़लाक़ ने बताया कि सर्दी के मौसम में जब किसी को ठिठुरते हाथों से दिवार पर से कपडे उठाते देखता हूँ तो मन में सिहरन के साथ तसल्ली भी होती है कि कुछ काम तो हुआ. अपने अनुभव साझा करते हुए दोनों का कहना है कि कई को रात के अँधेरे में कपडे ले जाते देखा है. देने वाले की संतुष्टि और लेने वाले का सम्मान दोनों रह जाता है. दान करो तो इस तरह करो कि एक हाथ दो तो दुसरे हाथ को भी मालूम न चले .